मंत्री,विधायकों के बाद जनजातीय परिषद सदस्य पांगी ने लगाए अधिकारियों पर काम न करने के आरोप

हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रदेश सरकार से मंत्री ,विधायकों के बाद जनजातीय परिषद सदस्यों पांगी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर  अधिकारियों पर काम न करने का बड़ा सवाल खड़ा  कर डाला है । जनजातीय परिषद के दो  सतीश शर्मा और दौलत राम ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हुए हैं ।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र में लिखा  है कि हमारी सरकार को बने लगभग एक वर्ष पूर्ण होने को आया मगर जनजातीय क्षेत्र पांगी में विकास नाम की कोई चीज ही नहीं हो रही है। साथ में प्रशासन का भी कोई सहयोग नहीं हो रहा है ओर मनमानी हो रही है क्योंकि भरमौर से तीन-तीन नेते पांगी को चला रहें है इन लोगों को स्थानातरण करवाने के सिवा कोई काम ही नहीं है। हाल ही में माननीय आप के द्वारा जो पांगी घाटी की समास्याओं को देखते हुए उच्च सतरीय कमेटी का गठन कर शिमला से पांगी घाटी का 20 नवम्बर 2023 से 22/11/23 तक दो दिवासीय दौरा करवाया जिसमें प्रशासन की तरफ से हमें अवगत तक नही करवाया गया। और न ही जो आधिकारिक मीटिंग हुई उस में हमें बुलाया तक नहीं क्योंकि प्रशासन के उच्च अधिकारियों को आए कुछ महिनें हुए हैं उन्हें क्या मालूम कि हम लोग किन-किन मुसीबतों से गुजर रहे है। इन्होनें इस बैठक में हमें बुलाना उचित नहीं समझा क्योंकि सरकार द्वारा चुने प्रतिनिधियों को साथ न लेकर अपनी मनमानी करनी होती है। साथ में जो बजट ITDP से बांटा गया उसमें भी प्रशासन ने अपनी मनमर्जी की ऐसा लग रहा है कि पांगी में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है जो दिल में आ रहा है वही कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले 2024 के लोक सभा चुनावों में पांगी घाटी से कांग्रेस को बढ़त कैसे मिलेगी साथ में जो ARO ITDP में बैठा के रखा है वह भी मनमर्जी कर रहा है। साथ में सभी विभागों में भी अपनी मनमर्जीयां चल रही है क्योंकि कांग्रेस की नई सरकार से लोगों को कई उम्मीदें थी परंतु लगभग साल बीत जाने के बाद भी पांगी में विकास कार्य ठप पडे हैं। लगता है पांगी के प्रशासन को सरकार का कोई भी डर नहीं है।

मुख्यमंत्री के एक वर्ष के कार्यकाल में यह पहलीबार देखा गया है कि अधिकारी मंत्रियों ,विधायकों और जनजातीय परिषद सदस्यों को अंजर आअंदाज कर मनमानी ढंग से कुछ नेता सरकार को अपनी घर की तिजोरी की तरह इस्तेमाल करने की प्रदेश में खूब चर्चा शुरू हुई है । सरकार के खिलाफ माहौल बहुत तेजी से बिगड़ता जा रहा है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समय रहते हुए बेलगाम अधिकारियों की लगाम खींची नही तो लोकसभा चुनावों से पूर्व ही सरकार की हालात बेहद खराब हो सकते हैं

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