धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत लाहौल घाटी में आयोजित किए जा रहे जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर- सहायक आयुक्त अकांक्षा शर्मा

धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत लाहौल घाटी में आयोजित किए जा रहे जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर- सहायक आयुक्त अकांक्षा शर्मा   […]

ग्रांमफु में हरियाणा की टेम्पु ट्रेवलर दुर्घटनाग्रस्त से दो लोगों की मौत,22 अन्य घायल

जिला लाहौल के रोहतांग ग्रामफु में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है, जिसमें हरियाणा नंबर गाड़ी में सवार 24 लोगों में से 2 लोगों की मौत […]

मत्स्य विभाग ने उठाया बड़ा कदम, लाहौल के जलाशयों में ट्राउट मछली के 10 हजार बच्चे छोड़ कर मत्स्य पालन को दिया बढ़ावा

हिमाचल प्रदेश के मत्स्य विभाग ने लाहौल-स्पीति जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने हाल ही […]

उपायुक्त किरण भड़ाना ने जनता की शिकायतें एवं समस्याओं त्वरित, पारदर्शी और उत्तरदायी समाधान सुनिश्चित किया

उपायुक्त लाहौल स्पीति किरण भड़ाना ने सोमवार को जिला स्तर पर मंडे रिव्यू मीटिंग की शुरुआत की। इस बैठक का उद्देश्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी […]

धानदल वन, तिंदी रेंज में अवैध वृक्ष कटान: वन विभाग ने की कार्रवाई

अमर ज्वाला //लाहौल धानदल वन, तिंदी रेंज में अवैध वृक्ष कटान की शिकायत पर वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि […]

जनजातीय क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रदेश सरकार हमेशा सवेदनशील- जगत सिंह नेगी

केलांग में धूमधाम से आयोजित हुआ जिला स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह अमर ज्वाला //केलांग जिला लाहौल स्पिति के मुख्यालय केलांग के पुलिस मैदान में हिमाचल […]

लाहौल स्पीति में आठवीं आर्थिक गणना अप्रैल माह से होगी शुरू उपायुक्त राहुल कुमार 

जिला में गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित मोबाइल ऐप से एकत्रित किया जाएगा सारा डाटा  अमर ज्वाला //केलांग जिला लाहौल स्पीति में आठवीं […]

केलांग में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की समीक्षा बैठक आयोजित

अध्यक्ष एवं उपायुक्त जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राहुल कुमार ने की अध्यक्षता, कहा… दारचा तक सभी तरह के वाहनों के लिए सड़क मार्ग खोल दिया […]

खंगसर पंचायत ने जाने बाल अधिकार, चाइल्ड लेबर, बाल विवाह व घरेलू हिंसा से सबंधित कानून – उप-प्रधान अशोक कुमार

अमर ज्वाला //केलांग केलांग, 13 फरवरी 2025…जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति के खंगसर पंचायत में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा मिशन वात्सल्य, किशोर न्याय अधिनियम 2021, बालकों […]

कृषि विभाग परियोजनाओं की ‘निकास नीति’ पर काम करेगा; प्रो. चंद्र कुमार

100सिंचाई उपपरियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएंगी अमर ज्वाला //शिमला हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने विभाग को परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उनके संचालन और प्रबंधन के लिए ‘निकास नीति‘ पर काम करने का निर्देश दिया और कृषि अनुसंधान संस्थानों को शुष्क भूमि कृषि पद्धतियों के मानकीकरण की संभावना तलाशने पर जोर दिया। प्रोफेसर चंद्र कुमार मंगलवार को यहां राज्य में JICA–ओडीए वित्त पोषित कृषि परियोजना के चरण-2 के कार्यान्वयन में लगे हिमाचल प्रदेश कृषि विकास सोसायटी की शासी परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण संवर्धन परियोजना के 1010 करोड़ रुपये के दूसरे चरण की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रो. कुमार ने राज्य कृषि विश्वविद्यालय से राज्य में कृषि उपज, विशेषकर सब्जियों की उपलब्धता पर रणनीतिक अनुसंधान और योजना पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, क्योंकि पड़ोसी राज्यों से आपूर्ति अपर्याप्त है और किसानों को उनकी उपज के लिए अच्छे मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने विदेशी सब्जियों के संकर बीजों के विकास पर अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल दिया। परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने बैठक में परियोजना की प्रगति को दर्शाते हुए एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि JICA मिशन और डीओए इस बात पर सहमत हुए हैं कि पूरी परियोजना लागत 1,010 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें से 807 करोड़ रुपये ऋण घटक हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में शुरू की गई JICA कृषि परियोजना का चरण-2 हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में 38,000 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र को कवर करेगा, जिससे 25,000 किसान परिवार लाभान्वित होंगे। बुनियादी ढांचे के विकास घटक के तहत 2029 तक परियोजना अवधि के नौ वर्षों में खर्च किए जाने वाले 330.70 रुपये के कुल परिव्यय में से लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 296 सिंचाई उप–परियोजनाओं में से 100 इस साल मार्च के अंत तक लाभार्थियों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना शुरू कर देंगी। साथ ही, अगले वित्तीय वर्ष 2026 के अंत तक 100 और उप–परियोजनाएँ पूरी हो जाएँगी। किसानों के समर्थन घटक पर परियोजना का परिव्यय 108.50 रुपये है और 12.08 रुपये खर्च किए जा चुके हैं। मूल्य श्रृंखला और बाजार विकास पर लक्षित 63.30 करोड़ रुपये में से परियोजना ने 41.71 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 13 मार्केटिंग यार्ड के विकास के लिए राज्य के विपणन बोर्ड को 31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने परियोजना के पहले चरण की प्रगति के बारे में जानकारी ली और उप–परियोजना क्षेत्रों के लिए ‘एग्जिट–पॉलिसी‘ और सहायता के बारे में पूछा। डॉ. सुनील चौहान ने मंत्री को एग्जिट–पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि पिछले उप–परियोजना क्षेत्रों के किसानों को संगठित विपणन व्यवस्था और किसान उत्पादक संगठनों से भी जोड़ा जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. आर. पटेल ने राष्ट्रीय कृषि योजना और अन्य योजनाओं के तहत ‘एग्जिट–पॉलिसी‘ के लिए राज्य को सहायता देने का आश्वासन दिया। परियोजना निदेशक डॉ. चौहान ने 210 सिंचाई उप–परियोजनाओं के निर्माण के लिए पांच संभावित कृषि जिलों में फसल विविधीकरण मॉडल स्थापित करने के लिए 321 करोड़ रुपये की परियोजना के चरण-1 की उपलब्धियों का विवरण दिया। यह परियोजना फरवरी, 2011 में शुरू हुई और जून, 2021 में पूरी हुई और इसने 3712 हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 4,671 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र को कवर किया और 128 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की। 2011 में प्रति हेक्टेयर सकल वार्षिक औसत कृषि आय 55,000 रुपये थी जिसे 1.45 लाख रुपये की लक्षित आय के मुकाबले बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया और 165 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई।