लाहौल स्पीति के उदयपुर अस्पताल में 2020 की एक्सपायरी दवाइयों का ढेर, स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही उजागर

सुभाष ठाकुर*******

लाहौल स्पीति जिले के उदयपुर नागरिक चिकित्सालय में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 2020 की एक्सपायरी दवाइयों का ढेर अस्पताल के बाहर रखा हुआ है। यह घटना स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है और जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को दर्शाती है।

एक्सपायरी पीपीकिट की दो बड़े बड़े प्लास्टिक के पालीथीन

उदयपुर अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयों की ढेर और पीपीकिट के बड़े बड़े बॉक्स खुले में फेंके हुए हैं। जहां पर 60 ml. Amoxycillin SHAVEN Oral Suspension I.P. 125 mg/5ml. की यह शीशियां ऐसे बिखरी हुई है कि कोई भी छोटा बच्चा उठा कर उसका किस तरह उपयोग करेगा क्या मालूम  ?

एक्सपायरी दवाईयों की ढेर के साथ स्वास्थ्य उपकरण ग्लब्ज भी बिखरे हुए हैं

रविवार के दिन 29 जून 2025 को लाहौल स्पीति की स्वास्थ्य संबंधी एक स्टोरी करने के लिए अस्पताल के भीतर पहुंचे तो धरातल पर कोई भी नजर नहीं आए पहली मंजिल पर देखा कि अपने कार्य में व्यस्त एक स्टाफ नर्स उपस्थित पाई गए और एक मिस्त्री बाथरूम में फर्श डाल रहा था , और महिला मजदूर भी मिस्त्री के साथ काम में लगी हुई थी।

अस्पताल के बाहर खुले में एक्सपायरी दवाइयों के बारे में पूछा तो नर्स ने कहा मै कुछ नहीं बता सकती हूं डॉटर साहब ही बता पाएंगे। जब एक डॉक्टर वहां पर आए तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के भीतर बाथरूम तथा अन्य सफाई का कार्य चला हुआ है जिसके चलते यह दवाइयां कुछ दिन पहले बाहर निकाली हुई है।

डॉक्टर ने यह भी कहा कि जब मेडिकल बायोवेस्ट की गाड़ी एक माह बाद आती है यह दवाइयां बंद करके नष्ट करने को दी जाएगी।

अस्पताल के साथ स्थानीय लोगों द्वारा भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा वहां नेपाली मूल के नागरिक मजदूरी पर लगे हुए हैं उनके बच्चे अनजाने में उन स्वास्थ्य उपकरणों ,पीपीकिट या दवाइयों का इस्तेमाल कर उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

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अस्पताल प्रशासन ने एक्सपायरी दवाइयों को नष्ट करने के बजाय उन्हें अस्पताल के बाहर रखा हुआ है, जो स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव के साथ-साथ दुष्प्रचार करने का प्रयास भी है। इस मामले में जिला चिकित्सक अधिकारी डॉक्टर रोशन लाल ने हैरानी जताई और कहा कि गंभीरता से मामले की जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी इस तरह की लापरवाही की है, उन पर सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। यह घटना स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है और जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को दर्शाती है।

स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार, एक्सपायरी दवाइयों को तुरंत नष्ट किया जाना चाहिए, लेकिन उदयपुर अस्पताल में यह नियमों का उल्लंघन किया गया है। यह घटना स्वास्थ्य प्रशासन की जिम्मेदारी की पूरा नहीं होना भी दर्शा चुका है।

इस मामले में जिला प्रशासन को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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