विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए पीरियड आधार पर बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य

विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए पीरियड आधार पर बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य

सुभाष ठाकुर*******

प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के गिरते सत्तर को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग को चाहिए कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति प्रति पीरियड बायोमिट्रिक दर्ज करनी अनिवार्य  करनी चाहिए।

विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की प्रति पीरियड बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज अनिवार्य होने से उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का सत्तर बढ़ जायेगा। क्योंकि विश्वविद्यालों में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के पीरियड निरंतर नही लगाकर शिक्षा का सत्तर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है।

विश्वविद्यालों के शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों  की शिक्षा की गुणवत्ता का सत्तर बढ़ाने के लिए ऐसा करना अनिवार्य करना बेहद जरूरी हो चुका है। क्योंकि कॉलेजों और विश्वविद्यालों के दर्जनों प्रोफेसर ऐसे भी है जो कई महीनों तक विद्यार्थियों को पढ़ाए बिना मुफ्त का वेतन पा रहे हैं। दर्जनों शिक्षक ऐसे भी हैं जो फर्जी दस्तावेजों के साथ राजनीतिक दखलंदाजी कर शिक्षक पद हासिल कर विश्वविद्यालों में नियुक्त हुए हैं।

विश्वविद्यालों में कई दर्जन शिक्षक ऐसे भी नियुक्त हुए हैं जिन्होंने एमएससी बीज विज्ञान में कर रखी है विश्वविद्यालय में पोधा विज्ञान में कर दी है। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने व्यवसायक कोर्स कर एमएससी कीट विज्ञान मधुमक्खी की पढ़ाई कर दी ,उन्हे जी विज्ञान के लिए नियुक्त कर दिया है।

वह विद्यार्थियों को क्या पढ़ाएंगे ऐसे में ऐसे इन शिक्षकों को हर पीरियड में उपस्थिति बायोमिट्रिक दर्ज अनिवार्य कर दी जाए तो काम चोर शिक्षकों को अपने काम से भागना मुश्किल हो जायेगा और विद्यार्थियों को शिक्षा भी पूरी प्राप्त हो जायेगी।

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