शिक्षकों की मजबूत नीव से ही संभव होता है कि देश भर में बड़े बड़े आईएएस, आईपीएस आईआरएस जैसे आलाधिकारियों का निर्माण होता आया है। शिक्षा ग्रहण कर राष्ट्र निर्माण के विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में अपना योगदान देते हैं।
लेकिन जिन्ह शिक्षकों द्वारा बड़े बड़े आईएएस को उच्च शिक्षा दी गई हो उन्हे उलझना आसान नहीं होता है।
प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों के शिक्षक यूनियन द्वारा सरकार की उस अधिसूचना का कड़ा विरोध किया हुआ है ।
जिसमें हिमाचल कॉलेज टीचर संघ एचजीसीटीए की राज्य अध्यक्षा डॉक्टर वनिता सकलानी और सचिव डॉ संजय कांगो ने सरकार की 1जनवरी 2016 से लागू सातवें वेतनमान के शेष एरियर की मार्च 2024 को 1.5% और अप्रैल 2024 से सत्र 2024- 2025 के लिए 0.25% की दर से मासिक वेतन अदायिगी के साथ दिए जाने वाले भुगतान अधिसूचना का विरोध जताया है।
इसके साथ – साथ संघ ने इसी अधिसूचना में 01 जुलाई 2022 से देय डी ए एरियर के भुगतान की 1.5% राशि मासिक वेतन के साथ सत्र 2024- 2025 में देने की बात का भी कड़ा विरोध किया है। संघ के राज्य अध्यक्ष डॉक्टर वनिता सकलानी ने बताया कि यह कर्मचारी एरियर भुगतान के आज तक के इतिहास में एक अजीब सी अधिसूचना हुई है। संघ सर्व कर्मचारी हित में इस अधिसूचना का कड़ा विरोध करता है। डॉक्टर वनिता सकलानी ने बताया कि इस अधिसूचना के हिसाब से तो मार्च 2024 से मार्च 2025 तक नवीन वेतनमान के शेष एरियर का प्रतिमास दिया जाने वाला भुगतान मात्र 4.5% ही होगा और वह भी अधिकतम सात – आठ सौ रूपय प्रति मास से अधिक नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि यही दशा 01 जुलाई 2022 से लंबित हाल ही में जारी 4% डी ए एरियर के भुगतान की है । यह एरियर भी प्रति मास 1.5% की दर से देने की बात इस अधिसूचना में की गई है,जो सत्र 2024-2025 में मात्र 18% ही कर्मचारियों को छोटी – छोटी राशि में बंट कर मासिक वेतन के साथ मिलेगा। डॉक्टर वनिता सकलानी ने बताया कि यह कर्मचारी वर्ग के साथ एक घोर विडम्बना हो रही है। इस अधिसूचना के हिसाब से यदि यह क्रम प्रतिवर्ष इन एरियरों के भुगतान का रहा तो यह पैसा कर्मचारियों और पेंशनरों को आगामी पुश्तों तक जा कर पूरा होगा ,जिसमें पे-रिवीजन एरियर का पूरा भुगतान करने में सरकार को लगभग 32 वर्ष 8 मास का समय लगेगा।इतनी लम्बी अवधि में तो कई कर्मचारी इस संसार से भी विदा हो चुके होंगे।ऐसा ही डी ए एरियर भुगतान के सम्बंध में है।इसमें पूरा भुगतान करने को लगभग 5 वर्ष 5 मास का समय लगेगा।
डॉक्टर वनिता सकलानी ने यह भी बताया कि इससे कर्मचारियों की बड़ी रकम का बहुत लघु विभाजन होगा और कर्मचारी अपनी निजी योजनाओं को क्रिया रूप देने से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा संघ इस अधिसूचना को कर्मचारी हित में पुनः संशोधित करने की मांग करता । डॉक्टर वनिता सकलानी ने संघ की ओर से सरकार और माननीय मुख्यमंत्री जी से यह एरियर की बकाया राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में एकमुश्त डालवाले की मांग की है ।उन्होंने यह भी दोहराया कि यदि एकमुश्त भुगतान सम्भव नहीं है तो भी इसे ज्यादा से ज्यादा चार भागों में एक बड़ी राशि के रूप बांट कर कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में डाला जाना चाहिए । डॉक्टर वनिता सकलानी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों का और अपना उपहास न बनाए। साथ में उन्होंने कहा कि ugc का नया वेतनमान लागू करने पर समस्त देय राशि का 80 %भुगतान यूजीसी के द्वारा दिया जाता है जो कि राज्य सरकार यूजीसी से ले चुकी है। जिसके बावजूद कालेज शिक्षकों को उस तर्ज पर भुगतान नहीं किया गया है।