प्रतिभा के चुनाव लडने पर संशय बरकरार, लोकसभा चुनावों में कौन किस पर कहां से भारी,

सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश के छः विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की जिम्मेवारी के चलते प्रदेशाध्यक्षा सांसद रानी प्रतिभा सिंह मंडी से लोकसभा चुनाव नही लड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ा किया है।

खबरों के बाद मंडी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह का नाम भी लोकसभा चुनाव के पैनल में शामिल करने के बारे में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बयान कर चुके हैं।

कांग्रेस हाईकमान तय करेगा कि मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा मंडी से तीन बार की सांसद प्रतिभा सिंह ही चुनाव लडेगी या फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह को लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा।

कांग्रेस ने प्रदेश की सभी चारों संसदीय क्षेत्र की जिम्मेवारी चार मंत्रियों को सौंप दी है। हमीरपुर से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री,मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादितीय, शिमला से शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, कांगड़ा से कृषि मंत्री चंद्र कुमार को संसदीय क्षेत्रों की जिम्मेवारी सौंपने से यह साफ है कि इन नेताओं का लोकसभा का चुनाव में उतरना मुश्किल है , बल्कि जिम्मेवारी का निर्वाहन कर पार्टी के उम्मीदवारों की जीत के लिए कड़ी मेहनत कर अपना जनाधार भी हाईकमान के समक्ष दिखाने की चुनौती रहेगी ।

मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रानी प्रतिभा सिंह छः विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों में वस्त होने का हवाला दे कर लोकसभा चुनाव नही लड़ने की चर्चा सामने आई है । लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य के कंधे पर मंडी संसदीय सीट को जिताने के लिए जिम्मेवारी दी गई है । पार्टी का इशारा साफ है कि रानी प्रतिभा सिंह चुनाव नही लड़ती है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह का चुनाव में उतारा जाना तय माना जा रहा है।

वहीं मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ही सबसे मजबूत उमीदवार माने जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष के अलावा मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी का दूसरा ऐसा नेता नही जो मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस उमीदावर को टक्कर दे पाए।

शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस मजबूत इस लिए दिखाई दे रही है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कैबिनेट पद आवंटित हुए हैं  सबसे अधिक शिमला संसदीय क्षेत्र से भरे गए हैं। जिसके चलते पार्टी में आपसी बगावत भी सामने आ चुकी है। शिमला संसदीय क्षेत्र की जिम्मेवारी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को सौंपी गई है।

शिमला से कांग्रेस सरकार के कैबिनेट रैंक आवंटित हुए लोगों पद से मजबूत दिखाई दे रही है ।

बीजेपी के सांसद सुरेश कश्यप खुद पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं वह एक बार फिर से बीजेपी के उम्मीदवार शिमला संसदीय क्षेत्र से घोषित कर दिए हैं। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल की संसदीय क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ भी है । शिमला संसदीय क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा । लेकिन कांग्रेस का पलड़ा यूं तो भारी दिखाई दे रहा है लेकिन पार्टी किस चेहरे को उम्मीदवार बना कर उतारती है हिमाचल की राजनीति में सबसे बड़ा प्रभाव चेहरे पर भी निर्भर रहता है।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सूचना प्रसारण और युवा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर जिन्होंने हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनावों में अपने नाम लगातार चौथी बार जीत का रिकॉर्ड बना डाला है 2024 के लोकसभा चुनावों में हिमाचल से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की सीट पक्की मानी जा रही है।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खी और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी आते हैं । हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की लोकसभा चुनावों को मजबूती देने के लिए केंद्रीय मंत्री की राजनीतिक चाणक्य नीति ने कांग्रेस के सभी विधायकों से खेला कर अपनी हमीरपुर की सीट को चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही अपनी खोली में कर डाली है।

कांगड़ा संदीय क्षेत्र दोनों पार्टियों में चेहरे उतारते ही स्थिति स्पष्ट हो जायेगी कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस यह बीजेपी का पलड़ा भारी रहने वाला है।

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