हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा सांसद हर्षमहाजन द्वारा दिए गए बयान कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन का जिक्र कर हिमाचल प्रदेश की सियासी हवा तेजी पकड़ने लगी है।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार में विधायकों का बहुमत होने के बादजुद राज्यसभा एम बीजेपी का सांसद चुन कर प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में वरिष्ठ नेताओं और संगठन के नेताओं को हाशिए पर धकेलकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने मित्रों को सरकार में एडजेस्ट तो किया था ।लेकिन अपनी ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राठौर ने अपनी कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाया लेकिन संगठन और सरकार के बीच आपसी समन्वय की कमी आज भी खल चुकी है।
इसी बीच प्रदेश के राज्यपाल का दिल्ली दौरा प्रदेश की सियासी फिजाओं को और गर्म कर चुकी है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की ।
लेकिन हिमाचल में वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी का देहरा से उपचुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाना वहीं उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की बेटी शिमला विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति तब हुई जब पूर्व की बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों की नियुक्तियां अपात्र लोगों का मामला प्रदेश की जनता के समक्ष खड़ा होने के बावजूद उपमुख्यमंत्री की बेटी की नियति पर खूब चर्चा शुरू हो चुकी है।
प्रदेश के लोगों का मानना है कि प्रदेश में सत्ता कांग्रेस की हो या बीजेपी की लेकिन सरकारी नौकरी में नेताओं के परिवार को ही राजनीति में और सरकारी नौकरी मिलती रहेगी।