क्या यह हिमाचल प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं हो रहा है ?

क्या प्रदेश सरकार के आलाधिकारियों द्वारा  युवाओं को जनांदोलन के लिए उकसाने का मकसद तो नहीं !

सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश की सत्ता कांग्रेस की सरकार तब बनाई जब कांग्रेस ने चुनावों से पहल प्रदेश भर में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने युवाओं को पकी नौकरी देने की बात कही थी पक्की पेंशन देने की बातें कही थी ।लेकिन सत्ता में आते ही युवाओं से बार बार कांग्रेस की प्रदेश सरकार से धोखा दिया जा रहा है। एक साल में एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था नहीं दी गई नहीं दी गई।

युवाओं के टेस्ट नहीं निकाले जा रहे हैं युवाओं की उम्र बढ़ती जा रही है सरकारी नौकरियों से हाथ होना पड़ रहा है। लेकिन प्रदेश का युवा खुद को कोसने के बजाए कुछ नहीं कर पा रहा है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू  के लिए जिस तरह से प्रदेश की जनता ने सोचा और समझा था अब प्रदेश की जनता में आक्रोश तब देखने को मिल रहा है जब उनके बच्चों की सरकारी नौकरियों के सपने चकनाचूर होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अधिकारियों ने कमजोर कर दिया है यह बात सचिवालय के कर्मचारियों द्वारा सरकार के खिलाफ महासंघ खड़ा कर खुले मैदान मनके पेड़ के नीचे से जबरदस्त हमला बोल डाला है।

कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार के कुछ आलाधिकारी द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए तड़फा कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनांदोलन के लिए युवाओं को उकसाया जा रहा है।

क्योंकि प्रदेश की कांग्रेस ने चुनावों से पहले युवाओं को पक्की नौकरियां देने का प्रचार तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश भर में बार बार मंचों से प्रचार किया हुआ है।जिसका परिणाम यह आया कि प्रदेश की सत्ता से बीजेपी को बदल कर कांग्रेस को बिठाया है।

प्रदेश सरकार ने 8 अगस्त 2024 के कैबिनेट में फैसले यह निर्णय लिया है कि मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया। इसमें चिकित्सा अधिकारियों के 14 पद और मनोचिकित्सक तथा क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार, स्टाफ नर्स के 300, रेडियोग्राफर के 2, वार्ड ब्वॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 4, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर के 2, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, चतुर्थ श्रेणी के 5, सफाई कर्मचारी के 40 और सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं।

आईजीएमसी, शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया है। आईजीएमसी शिमला में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के 21 और चमियाना अस्पताल में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा अधिकारी के 7 पद शामिल हैं। स्टाफ नर्स के 400 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 43, नर्सिंग ऑर्डरली-सह-ड्रेसर के 11, आहार विशेषज्ञ के 2, फिजियोथेरेपिस्ट का एक तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर के 4 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।

सरकार ने अपने कैबिनेट निर्णय में यह कहीं नहीं लिखा है था कि यह सभी पोस्टें आउटसोर्स ठेकेदारों से भारी जानी है लेकिन 20 अगस्त को यह पत्र बोल रहा है कि आउटसोर्स के माध्यम से यह पद भरे जाएंगे।

पक्की पेंशन देने वालों ने पक्की नौकरी की बात कही है अब यह आउटसोर्स के माध्यम से क्यों जिन्होंने ट्रेनिंग कर डिग्रियां ha हासिल की हुई है क्या उन युवाओं के साथ प्रदेश सरकार द्वारा दोहरा धोखा नहीं किया जा रहा है?

मुख्यमंत्री को इन ठेकेदारों ने गुमराह नहीं किया बल्कि मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा वित्तीय कुप्रबंधन का हवाला दे कर हिमाचल प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है

कांग्रेस ने अपने चुनावी प्रचार में कहा है कि आउटसोर्स वाली नहीं पक्की नौकरी पक्की पेंशन वाली नौकरी देने की बातें कर प्रदेश में युवाओं के वोटों से सरकार बनाई हुई है। आज उसी युवाओं को रोजगार के लिए तरसाया जा रहा है।

बॉक्स

आउटसोर्स भर्ती करने वाली ठेकेदारों ने नौकरी पाने के लिए पैसों की डिमांड तक अपने एजेंटों के माध्यम से करनी शुरू कर डाली है। हमीरपुर के एक आउटसोर्स कंपनी के ठेकेदार द्वारा एक स्टाफ नर्स जो जिला कांगड़ा में एक निजी अस्पताल में कार्यरत है उन्हें अकेले मिलने और किसी को उनकी जानकारी न देने की बात के हुई है ।

पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी यह है कि जैसे ही प्रदेश सरकार द्वारा यह कैबिनेट में निर्णय लिया कि कांगड़ा मैडिकल कॉलेज और शिमला मैडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्सों के पदों को भरने का निर्णय लिया तो हमीरपुर के ठेकेदार द्वारा खुद ही संपर्क कर कहा कि यह टेंडर मुझे मिलेगा मै अब यह पद आउटसोर्स के माध्यम से भरूंगा।

जब निजी अस्पताल की लड़की ने उन्हें कुछ दिन बाद फोन कर कहा कि मैने भी ऑउटसोर्स पर भरती होना है ।तब ठेकेदार ने उन्हें अकेले में मिलने के लिए कहा और किसी को उनकी जानकारी नहीं देने की बात कही यह भी कहा कि मुझे मोबाइल पर बात नहीं ज्यादा करनी है मिल कर बात करनी होगी।

मिलकर बात करने का मतलब साफ है कि नौकरियां आपकी काबिलियत से नहीं बल्कि आउटसोर्स भर्ती के लिए खूब खर्च करना होगा तभी अब आउटसोर्स पर नौकरियां मिलेगी।

सूचना तो यह भी है कि 8 करोड़ रुपए का लक्ष्य इन ठेकेदारों पर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *