***दशकों पुरानी पीडब्ल्यूडी की सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए एक व्यक्ति ने क्यों बंद की ?
***सड़क बहाली के लिए उपायुक्त को सौंपा तरस्वान पंचायत की जनता ने प्रस्ताव
*** उपायुक्त बोले मामला ध्यान में है, पंचायत का प्रतिनिधि दल बोला…. एक व्यक्ति की जिद्द के कारण किसानों की फसल हो सकती है बर्बाद
सुभाष ठाकुर*******
मंडी जिले की जनता को पहली बार एहसास तब हो रहा है , कि प्रदेश की सत्ता में मंडी जिले से प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी नेता नहीं है। मंडी जिले से एक मात्र विधायक है वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र तक तब सीमित हुए जब उनके द्वारा सदन में पहली बार उठाई हुई आवाज पर प्रदेश सरकार इन एक इंच तक कुछ भी कार्यवाही नहीं कर पाई। बल्कि जिस कमेटी के वह विधायक खुद सदस्य भी बनाए हुए हैं।
मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम चौहार घाटी के बरोट में तेरंग के राजवन गांव में 31 जुलाई 2024 की आधी रात को भारी बरसात के चलते बाढ़ ने चार परिवारों के दस लोगों मौत की नीद सुला डाला, और तीन घरों को अपने साथ कई बीघा कृषि योग्य भूमि किसानों की फसल के साथ भयंकर तबाही मचा चुका है।
बाढ़ से दस लोगों की दर्दनाक मृत्य हुई, जिसमें एनडीआरफ , सीडीआरएफ तथा स्थानीय लोगों के सहयोग से कई दिनों तक खोज अभियान चलाने से 9 लोगों के शवों को तलाशने में कामयाबी मिली लेकिन एक व्यक्ति अभी तक लापता है।
चौहार घाटी में आई इस आपदा के लिए दूर दूर से लोग पहुंचे अपने सामर्थ्य से लोगों ने हर संभव अपना सहयोग किया। लेकिन आमजनता द्वारा चुनी हुई केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री तथा मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की सांसद कंगना रनौत तक 29 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं प्रभावित परिवारों के आंसू पोंछने नहीं पहुंच सके।
घाटी की जनता में बेहद दर्द इस बात का देखा गया कि इतनी बड़ी तबाही होने के बावजूद भी नेताओं द्वारा अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है।
घाटी में यह इस बात की चर्चा भी खूब जोर पकड़ चुकी है कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र की जनता ने क्षेत्र के विकास को नकार कर यह मुहयम शुरू की हुई थी कि वह एक नए नेता को पैशन लगाने जा रहे हैं और उन्होंने पूर्व के बीजेपी विधायक जवाहर ठाकुर और वर्तमान पूर्ण ठाकुर को लगा भी दी है।
द्रंग में पैंशन लगाने की आवाज जोरो शोरों से उठाई जाती है लेकिन क्षेत्र की समस्याओं पर सभी खामोश हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीन बार घाटी की आपदा का जायजा लेने की बात कही लेकिन चौहार घाटी तेरंग के राजवन गांव में बाढ़ प्रभावित परिवारों का दर्द जानने अभी नही पहुंच पाए।
मुख्यमंत्री का बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में दौरा करते हैं तो क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण होने की संभावना बनी रहती है। 29 दिनों से तरसवान पंचायत में सड़क की बहाली नही हो पा रही है। पंचायत के एक व्यक्ति द्वारा अपनी मलकियत भूमि से निकाली हुई सड़क को बंद कर दिया है।
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क्यों रोकी पंचायत के एक व्यक्ति ने दो दशक पुरानी लोकनिर्माण विभाग की सड़क ?
तरस्वान पंचायत में 31 जुलाई को हुई बरसात की भारी बारिश से घर ,सड़क ,कृषि योग्य भूमि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा पधर एसडीएम द्वारा किया गया है। उन्होंने भी माना कि तेरंग गांव में दस इंसानी जिंदगियों की दर्दनाक मौत हुई और तीन घर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है लेकिन तर्सवान पंचायत में सड़कें तीन परिवारों के घर तथा कृषि भूमि का बहुत अधिक नुकसान हुआ है।
तर्सवान पंचायत में हुए नुकसान का जायजा सरकार के किसी भी नेता द्वारा नही लिया गया।
तरस्वान पंचायत को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को गांव के गांव के एक व्यक्ति द्वारा अपनी मलकियत भूमि पर रोक दिया है ।व्यक्ति द्वारा पधर न्यायलय में लोकनिर्माण विभाग के खिलाफ मामला दर्ज कर डाला है।
पंचायत की यह सड़क को लोकनिर्माण विभाग द्वारा पिछले 20 वर्ष पूर्व ठेकेदार को टेंडर अवॉर्ड कर सड़क का निर्माण किया गया है। लेकिन उस वक्त गांव के उस व्यक्ति द्वारा किसी भी न्यायलय में कोई मामला दर्ज नही किया था जिस पर लोकनिर्माण विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर सड़क का निर्माण किया हुआ है। लेकिन 20 वर्षों बाद तरसवान पंचायत की उसी सड़क को उक्त व्यक्ति ने अपनी मलकियत भूमि रोक लगा डाली है विभाग ने भी अपने कदम सड़क निर्माण के लिए पीछे खींच डाले हैं।
क्योंकि कि लोकनिर्माण विभाग के किसी अधिकारी द्वारा उस सड़क का निर्माण अपने निजी घर के लिए नही किया हुआ है बल्कि दुर्गम क्षेत्र की पंचायत के सैकड़ों लोगों की सड़क सुविधा दी गई है जिसका उद्घाटन हो चुका है फिर उसके बाद सड़क को रोकना बेहद पंचायत की जनता के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
एक व्यक्ति ऐसा कार्य यूं ही नही करेगा बल्कि कोई राजनीतिक दुर्गंध आती हुई लग रही है।
उपायुक्त के पास आए पंचायत के दल ने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण किसी बड़ी मशनरी से करने के लिए सख्ती से विभाग को रोका हुआ है।
पंचायत की सड़क बहाली के लिए बीडीसी अध्यक्षा शीला ठाकुर, जिला परिषद सदस्य शारदा ठाकुर, पंचायत प्रधान जय सिंह,वार्ड सदस्य सोहन सिंह ठाकुर तथा दर्जनों लोग सड़क बहाली के लिए मंडी उपायुक्त के पास पहुंचे हुए थे। उपायुक्त से मुलाकात की और समस्या को विस्तार पूर्वक सांझा कर प्रस्ताव सौंपा ।
उपायुक्त ने पंचायत के लोगों को विश्वास दिया कि पधर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए जायेंगे कि न्यायलय में विभाग अपना पक्ष मजबूती से रखे , कि 20 वर्ष बाद सड़क को कैसे रोका गया।
घाटी की जनता ने उपायुक्त से जल्द से जल्द सड़क बहाली का आग्रह किया ।
और कहा कि किसानों की फसल को समय रहते मंडियों पहुंच पाए।