सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ पदयात्रा हुई शुरू 

***प्रतिदिन 25 किलोमीटर का सफर तय करने का लक्ष्य

अमर ज्वाला //लाहौल

लद्दाख में लोगों की पहली मांग है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए। दूसरी मांग, संविधान की छठी अनुसूची, तीसरी मांग लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग बना कर भर्ती प्रक्रिया की जाए, चौथी मांग है कि लेह और कारगिल को अलग-अलग लोकसभा का दर्जा दिया जाए।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची की मांग सहित चार सूत्री एजेंडे को लेकर लेह एपेक्स बॉडी ने ‘दिल्ली चलो’ पदयात्रा शुरू की। रविवार को शुरू हुई पदयात्रा का नेतृत्व पर्यावरणविद सोनम वांगचुक कर रहे है। पदयात्रा में भाग ले रहे लद्दाख के विभिन्न वर्गों के करीब 100 लोग प्रतिदिन 25 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हुए 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती वाले दिन राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे। लेह के एनडीएस मेमोरियल पार्क में शुरू हुई पदयात्रा में शामिल लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्थानीय लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। इस यात्रा में महिलाओं ने भी काफी संख्या में भाग लिया।

क्या है लद्दाख के लोगों की मांग

लद्दाख के लोगों ने ‘दिल्ली चलो’ यात्रा की शुरुआत अपनी चार सूत्री एजेंडे को पूरा करने के लिए किया है। लोगों की पहली मांग है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए। दूसरी मांग, संविधान की छठी अनुसूची, तीसरी मांग लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग बना कर भर्ती प्रक्रिया की जाए, चौथी मांग है कि लेह और कारगिल को अलग-अलग लोकसभा का दर्जा दिया जाए।

 

‘भारत माता की जय’… और… ‘हमें छठी अनुसूची चाहिए’… जैसे नारों के बीच लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष ने पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान सोनम वांगचुक ने उम्मीद जताई कि सरकार दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर दिल्ली पहुंचने पर उन्हें अपनी मांगों को लेकर अच्छी खबर देगी। उन्होंने कहा कि पदयात्रा में बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं का इस अभियान में शामिल होना उत्साहजनक है। हमारी मांगें क्षेत्र के विकास और प्रबंधन के लिए जायज है।

 

 

सरकार को लद्दाख की मांग पूरी करना चाहिए

पदयात्रा में क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर लेह में 21 दिन की भूख हड़ताल पर करने वाले वांगचुक ने कहा कि यह एक जन आंदोलन है। सरकार को बिना शर्त लद्दाखियों की मांगों को पूरा करना चाहिए। लद्दाख पाकिस्तान, चीन के साथ सीमाएं साझा करता है। देशवासियों को लद्दाखियों पर गर्व होना चाहिए। वे देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने को हमेशा तैयार रहते हैं।

वांगचुक ने विश्वास जताया कि हिमाचल प्रदेश के रास्ते दिल्ली तक की पदयात्रा में और भी लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि लोग बहुत उत्साहित हैं, जिसका प्रमाण यह है कि स्विट्जरलैंड में रहने वाले 90 वर्षीय लद्दाख के नागरिक भी दिल्ली में उनके साथ शामिल होने के लिए तैयार हैं। वांगचुक ने कहा कि इस मार्च के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि हम अपनी चार मांगों को लेकर बहुत गंभीर हैं।

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