लाहौल स्पीती की सीबी रेंज बातल के समीप सन् 1968 में ढाका ग्लेशियर में क्रैश हुए वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त AN-12 विमान में सवार शहीद जवानों के अवशेष ले जाते भारतीय सेना के हैलीकॉप्टर

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीती की सीबी रेंज बातल के समीप सन् 1968 में ढाका ग्लेशियर में क्रैश हुए वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त AN-12 विमान में सवार शहीद जवानों के शवों को सेना ने सर्च अभियान शुरू कर दी है। 29 सितंबर 2024 से सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। जिसमें भारतीय सेना ने लाहौल-स्पीति पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से भी मदद मांगी है। इन दिनों तलाशी अभियान में चार शव बरामद हुए है। शवों को मंगलवार 1 अकतूबर रात को ढाका ग्लेशियर से लोसर पहुंचाया गया था। बुधवार 2 अकतूबर को शवों को लोसर में पोस्टमार्टम के बाद हेलिकाप्टर में पैतृक गांवों की ओर रवाना किए। यह खोजी अभियान करीब एक सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। इस खोजी अभियान में भारतीय सेना के स्पीती के समदो डोगरा स्काउट्स के 16 जवान और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के तीन कर्मी शामिल है। इससे पहले भी डोगरा स्काउट्स चार से पांच बार अभियान चला चुकी है। अभी तक सेना को कुल नौ शव बरामद हुए हैं। 2003 के बाद से शुरू हुए सर्च अभियान के बाद शव मिलने शुरू हुए थे। इसके बाद सेना ने 2007, 2013 और 2019 में सर्च अभियान शुरू किए और इसमें पांच शव मिले थे। बता दें कि 1968 में 17,000 फीट ऊंचे ढाका ग्लेशियर में एयरफोर्स का एएन-12 विमान मौसम खराब होने से लापता हो गया था। लापता हुए विमान में सवार 102 जवान शामिल थे। इसमें 98 जवानों के अलावा चार क्रू मेंबर थे। वर्ष 2003 में इस विमान का मलबा सबसे पहले स्पीती के बातल समीप दक्षिणी ढाका ग्लेशियर में देखा गया था। लाहौल स्पीति के पुलिस अधीक्षक मयंक का कहना है कि इस खोज की जानकारी सैटेलाइट फोन के माध्यम से सेना के अभियान दल से प्राप्त हुई। यह दल लाहौल स्पीति के दूरस्थ और कठिन क्षेत्र सीबी-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के पास लाहौल स्पीती के बातल में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था। एसपी मयंक चौधरी ने कहा, “सैटेलाइट संचार के जरिए मिली जानकारी के अनुसार, चार शव मिले हैं। प्रारंभिक जांच के आधार पर यह माना जा रहा है कि ये अवशेष 1968 के भारतीय वायु सेना के AN-12 विमान दुर्घटना से जुड़े हो सकते हैं।” यह खोज एक लंबे और कठिन प्रयास का हिस्सा है, जिसमें 1968 की उस दुर्घटना में मारे गए लोगों के अवशेषों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है। यह दुर्घटना भारतीय सैन्य विमान इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। खराब मौसम के कारण विमान लाहौल स्पीती के पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

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