ओम प्रकाश चौटाला जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से राजनीति के एक अध्याय का पटाक्षेप हो गया। आप उनकी राजनीति को पसन्द या नापसन्द कर सकते थे, पर अनदेखा नहीं कर सकते । हरियाणा के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

पंजाब और हरियाणा हिमाचल प्रदेश के पड़ोस के दो महत्वपूर्ण राज्य हैं। संयोग से दस वर्ष तक जब मैं हिमाचल का मुख्यमन्त्री रहा तब अधिकतर समय पंजाब में सरदार प्रकाश सिंह बादल और हरियाणा में श्री ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमन्त्री रहे, दोनों बड़े कदावर नेता थे और निर्णय लेने में सक्षम थे। पंजाब और हरियाणा हिमाचल की अपेक्षा दोनों बड़े राज्य हैं और मैं सरदार बादल जी का और श्री चौटाला जी का बड़े भाईयों की तरह आदर करता था और हमारे व्यक्तिगत सम्बन्धों का हमारे राज्यों की अन्तर्राजीय समस्याओं के समाधान में भी लाभ मिलता था ।

आज श्री चौटाला को श्रद्धांजलि देते हुये मैं कुछ घटनाओं का उल्लेख करना चाहूंगा जो उनके स्नेह को प्रकट करती हैं। श्री चौटाला जी को मैं पहली बार भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय 11, अशोक रोड़ नई दिल्ली में मिला था। वे दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महामन्त्री श्री कृष्ण लाल शर्मा जी को मिलने आये थे, शर्मा जी ने मेरा परिचय उनसे करवाया उसके बाद लगातार उनका स्नेह मिलता रहा ।

सरदार प्रकाश सिंह बादल पटियाला जेल से रिहा होकर चण्डीगढ़ आये थे मैं उन्हें मिलने गया, बादल साहब घर पर नहीं थे। सरदार सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि वे चौटाला जी को मिलने गये हैं। उन्होंने बादल साहब को फोन किया और कहा कि धूमल जी मिलने आये हैं, चौटाला जी ने बादल साहब से फोन ले लिया और कहा मेरी बात धूमल जी से करवाओ। मुझे फोन पर आमन्त्रित किया कि उनके निवास पर आ जाऊं ताकि बादल साहब और चौटाला जी दोनों मिल जायें ।

मैं चौटाला जी के निवास पर चला गया वहां पर उन्होंने बड़े स्नेह से स्वागत किया और हम सब बैठ गये। रात्रिभोज वहीं पर किया बाजरे की रोटी, सरसों का साग, मक्खन और स्वीट डिश के तौर पर गुड़ खाकर सब को बहुत आनंद आया और घर गांव का माहौल था ।

हमारे यहां टांडा में मैडिकल कॉलेज नया नया खुला था। मैडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय चिकित्सा परिषद) के निरीक्षण की सूचना मिली। एक विषय के विशेषज्ञ डॉक्टर व प्रोफेसर हमारे पास नहीं थे। मुझे बताया गया कि हरियाणा में इस विषय के बरिष्ठ प्रोफेसर हैं अगर चौटाला साहब से बात हो तो उनसे प्रार्थना की जानी चाहिए । मैंने फोन किया चौटाला साहब प्रदेश के टूर पर थे उन्हें सन्देश भेजा गया आधे घण्टे में फोन आ गया। चौटाला जी ने अपने चिरपरिचित अन्दाज़ में कहा, “कहिये मुख्यमन्त्री जी क्या आदेश है ?” मैंने कहा भाई साहब आदेश नहीं प्रार्थना है और अपनी सारी समस्या उन्हें बताई, उन्होंने कहा ठीक है, अभी साढ़े चार बजे हैं हम आज पांच बजे से पहले डॉक्टर को रिलीव कर देंगे कल सवेरे वह आपके पास ज्वाइन कर लेगा। मैंने उनका कोटि कोटि धन्यवाद किया और हमारी समस्या का समाधान हो गया ।

एक बार हमारे परिवहन सचिव मेरे पास हड़बड़ाहट में आये और कहा कि बड़ी गम्भीर समस्या आ गई है, हरियाणा के परिवहन मन्त्री आ रहे हैं और हमारी बसें उनके ज्यादा क्षेत्र में चलती हैं और उनकी हमारे कम क्षेत्र में। समता के नियम के तहत हमारी कई बसें बन्द हो जायेंगी। मैंने चौटाला साहब से फोन पर बात की और कहा कि पंजाब और हरियाणा बड़े भाई हैं और हिमाचल छोटा भाई है। आप दोनों के पास हवाई सेवा है, रेल सेवा है पर हमारे पास तो सड़क परिवहन ही है जोकि हमारी जीवन रेखा है क्या छोटे भाई को तंग करने की ठानी है ? चौटाला जी बोले मुख्यमन्त्री जी बात क्या है हमने तो कुछ ऐसा नहीं किया। मैंने उन्हें परिवहन मन्त्री के कार्यक्रम के बारे में बताया उन्होंने तुरन्त कहा चिन्ता मत करो हमारा मन्त्री आयेगा आपके पास चाय पीयेगा और वापिस आ जायेगा आपकी बसें जैसे चलती हैं वैसे ही चलती रहेंगी। उन्होंने अपने मन्त्री को शिमला पहुंचने से पहले इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया और मन्त्री महोदय मुझे मिलकर वापिस चले गये ।

एक बार किसी औद्योगिक संस्थान के विरूद्ध चौटाला सरकार ने सख्त कार्रवाई कर दी वो बहुत तंग हुये । एक बड़े नेता ने मुझे कहा कि बहुत से लोग सरकार से निवेदन कर चुके हैं पर मुख्यमन्त्री नहीं मान रहे हमने सुना है कि चौटाला जी आपकी बात मानते हैं, आप बात करो। मैंने कहा छोटे भाई के तौर पर अपने प्रदेश के हित में

उनसे प्रार्थना करता हूँ और उनका बड़प्पन है कि वो मेरी बात मान लेते हैं। मैं आपकी बात उन तक पहुंचा दूंगा राहत देना न देना उन पर निर्भर करता है । मैंने रात को चौटाला जी को फोन किया और सारी बात बता कर उन्हें कहा कि जो उचित समझें वो निर्णय लें । उन्होंने बात सुनी और खामोशी हो गई जब काफी देर तक आवाज़ नहीं आई तो मैंने सोचा उन्होंने फोन काट दिया । मैं फोन रखने ही वाला था तभी आवाज़ आई मुख्यमन्त्री जी आपने बोला हमने उन्हें अभयदान दिया पर उनसे कह देना हमारे विरोधी के टैंट कम लगाया करे ।

ऐसी अनेकों घटनायें हैं जिन से चौटाला जी के व्यक्तित्व का, बड़प्पन का और अपनों से छोटों के प्रति स्नेह का अनुमान लगाया जा सकता है ।

अब चौटाला जी हमारे बीच नहीं रहे मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुये भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि परिवार को और प्रदेश को इस सदमे को सहने की शक्ति दे ।

प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमन्त्री, हिमाचल प्रदेश, समीरपुर, जिला हमीरपुर (हि०प्र०)

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