एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत सस्ती दरों में ऋण उपलब्ध

कृषि क्षेत्र में रोजगार स्थापित करने के लिए करें संपर्क: डॉ. कुलदीप धीमान

धर्मशाला, 24 फरवरी। उप कृषि निदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने बताया कि कृषि कार्यों से संबंधित रोजगार स्थापित करने के लिए व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्टर फंड के अंतर्गत दिसम्बर 2025 तक 50 करोड़ रूपये के लोन देने का प्रावधान है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, गोदाम, कोल्ड स्टोर, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, पैक-हाउस, परख इकाइयां, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, लॉजिस्टिक्स सुविधाएं, शीत वाहन, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, फल पकने वाले कक्ष, जैविक आदान बनाने की इकाईयां, केंचुआ खाद इकाईयां, रेशम कीट इकाईयां, शहद प्रसंस्करण इकाइयां, हाइड्रो पोनिक्स या पोली हॉउस इत्यादि स्थापित करने के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं।

डॉ. धीमान ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी किसी भी बैंक से इस योजना का लाभ उठा सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें घर द्वार इस योजना की विस्तृत जानकारी देने और औपचारिकताएं पूरा करवाने में सहायता करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 17 फरवरी से 1 मार्च तक एक अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए इच्छुक व्यक्ति इस मोके का लाभ उठाने के लिए नजदीकी पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि योजना की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान कृषि विभाग के नजदीकी कार्यालय में कृषि अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में अपना रोजगार स्थापित करने के लिए बहुत सारी ऐसी गतिविधियां हैं जिसके लिए कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह 2 करोड़ रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है। उन्होंने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी कई गतिविधियां है जिनके लिए इस योजना के अंतर्गत 7 से 9 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन देने का प्रावधान है। यदि लाभार्थी 7 वर्ष के भीतर लोन को वापिस करता है तो ब्याज दर पर 3 प्रतिशत की छूट भी मिलती है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवा इस योजना का लाभ उठा कर अपना रोजगार स्थापित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कोई भी स्वयं सहायता समूह, प्राथमिक कृषि सहकारी सेवा समितियां, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी. ओ.), एग्री उद्यमी, कृषि स्टार्टअप इत्यादि भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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