विश्वविद्यालयों की फर्जी नियुक्तियों पर कार्यवाही, अन्नामलाई विश्वविद्यालय ने 56 प्रोफेसरों को किया बर्खास्त।
सुभाष ठाकुर*******
विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्तियों का मामला हिमाचल प्रदेश में ही नही पंजाब, हरियाणा,बिहार, के साथ साथ अब तमिलनाडू का मामला भी सामने आया और 56 प्रोफेसरों सहायक प्रोफेसरों तथा सहायक प्रोफेसरों को अन्नामलाई विश्वविद्यालय के जांच के बाद बाहर का रास्ता दिखा डाला है ।
अन्नामलाई विश्वविद्यालय ने जांच के बाद 56 सहायक प्रोफेसरों को बर्खास्त कर दिया
विश्वविद्यालय के भीतर तनाव फैल गया और रिपोर्टों से पता चलता है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर गैर-शिक्षण कर्मचारियों की बर्खास्तगी हो सकती है। हालाँकि, विश्वविद्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। तमिलनाडु के अन्नामलाई विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग की सिफारिश के बाद बीते गुरुवार को 56 सहायक प्रोफेसरों को बर्खास्त कर डाला है । यह बर्खास्तगी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अनुचित नियुक्तियों की जांच के बाद की गई थी।
तमिलनाडु की अप्रैल 2013 में सरकार द्वारा विश्वविद्यालय पर कब्ज़ा करने के बाद, मुख्य सचिव शिव दास मीना, जो उस समय प्रशासक थे, ने कर्मचारियों की नियुक्तियों से जुड़े आरोपों की जाँच की निगरानी की। सूत्रों से पता चला कि जांच में उचित योग्यता के बिना नियुक्त व्यक्तियों को वेतन के भुगतान के माध्यम से धन की बर्बादी के बारे में चिंताएं जताई गईं।
अन्नामलाई विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार (प्रभारी) आर सिंगारवेलु ने विभिन्न विभागों से 56 सहायक प्रोफेसरों को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिए हैं। विश्वविद्यालय के भीतर तनाव फैल गया और रिपोर्टों से पता चलता है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर गैर-शिक्षण कर्मचारियों की बर्खास्तगी हो सकती है।
तमिलनाडु की अन्नामलाई विश्वविद्यालय की तरह हिमाचल प्रदेश की सरदार पटेल मंडी विश्वविद्यालय में भी लगभग दो दर्जन से अधिक प्रोफेसरों ,सहायक प्रोफेसरों, तथा एसोसिएट प्रोफेसरों के साथ गैर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों के मामले पर जनहित याचिका न्यायालय में दाखिल हो चुकी है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय तथा धर्मशाला केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी कुछ अपात्र लोगों को प्रोफेसर पद पर नियुक्त कर डाला है ।
हिमाचल प्रदेश के शिमला विश्वविद्यालय में एक गुरु जी के नाम मशहूर प्रोफेसर का नाम हिमाचल प्रदेश के विश्व विद्यालय में हुई फर्जी नियुक्तियों का असली किंगपिन की भूमिका निभाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
गुरु जी के साथ उनके एबीवीपी के कुछ अन्य पदाधिकारियों तथा हिम साइंस कांग्रेस एसोसिएशन व सुनील उपाध्याध्य एजुकेशन ट्रस्ट का एहम योगदान सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय की फर्जी नियुक्तियों के मामलों पर सीधे तौर पर कोई कार्यवाही करती हुई नही देखी जा रही है लेकिन मामलों की जनहित याचिका दाखिल कर प्रदेश के लाखों पढ़े लिखे युवाओं को न्यायालय के फैसलों पर ही उम्मीदें टिकी हुई है।