तीर्थन घाटी – हर वर्ष की भांति, इस बार भी तीर्थन घाटी के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित शेर-ए-सिराज क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य शुभारंभ किया गया। इस आयोजन की मुख्य विशेषता यह है कि यह प्रतियोगिता स्व. श्री दिले राम शबाब मेमोरियल के रूप में आयोजित की जाती है, जो तीर्थन संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा और समाजसेवा में उनके योगदान को समर्पित है।
मुख्य अतिथि और उद्घाटन समारोह
इस वर्ष प्रतियोगिता का उद्घाटन राजीव भारती द्वारा किया गया, जो स्व. दिले राम शबाब के पुत्र उद्घाटन समारोह में क्षेत्र की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय पंचायत कंडीधार की दाडी गांव की महिलाओं द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसे सभी ने सराहा।
प्रतियोगिता के मुख्य उद्देश्य
1. खेल के माध्यम से युवाओं को जाक करना।
2. पर्यावरण एवं तीर्थन नदी संरक्षण को बढ़ावा देना।
3. इको-टूरिज्म गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
4. नशा मुक्ति अभियान को मजबूत करना।
प्रतियोगिता की भव्यता और टीमों की भागीदारी
इस वर्ष प्रतियोगिता में कुल्लू जिले एवं अन्य जिलों से कुल 60 टीमों ने भाग लिया है, जिनमें । 50 पुरुष वर्ग की टीमें शामिल हैं। 10 महिला क्रिकेट टीमें भी पंजीकृत हुई हैं, जो महिला सशक्तिकरण को दर्शाती हैं।
यह टूर्नामेंट 16 मार्च से प्रारंभ होकर पूरे एक माह तक चलेगा, जिसमें 31 मार्च तक टीमें पंजीकरण करवा सकती हैं।
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पुरस्कार और आकर्षण प्रतियोगिता में विजेता टीमों को भव्य पुरस्कार दिए जाएंगे । पुरुष वर्ग विजेता: ₹1,00,000/- , उपविजेता: ₹51,000/-, महिला वर्ग:विजेता: ₹15,000/-,उपविजेता: ₹7,000/-इसके अलावा, अन्य आकर्षणों में “मैन ऑफ द सीरीज”, “बेस्ट बॉलर”, “बेस्ट बैट्समैन” के लिए भी आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन इस टूर्नामेंट को और भी रोचक बनाने के लिए रज्जु प्रतियोगिता, कृषि प्रतियोगिता, पारंपरिक खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। समाज के लिए संदेश और भविष्य की दिशा
शेर-ए-सिराज टूर्नामेंट सिर्फ एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह युवाओं को खेल, संस्कृति, पर्यावरण एवं सामाजिक जागरूकता से जोड़ने का एक मंच भी है। राजीव भारती ने अपने संबोधन में युवाओं को खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संदेश दिया।
इस टूर्नामेंट के आयोजन से तीर्थन घाटी में न केवल खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह आयोजन स्थानीय पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
– रिपोर्ट: शेर-ए-सिराज आयोजक समिति, तीर्थन घाटी