***बल्ह से डायनापार्क रोड के बीच नहीं रुक रहा अवैध खनन
करोड़ों का गटका और पथर की हो रही सप्लाई
***पुलिस , लोकनिर्माण , वन , खनन अधिकारी नहीं रोक पा रहे अवैध खनन
सुभाष ठाकुर*******
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सड़कें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सड़कें न केवल लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने में मदद करती हैं, बल्कि हरि सब्जियों, दूध, तथा फल के नकदी व्यापार के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँच को भी सुगम बनाती हैं।
लेकिन चौहार घाटी की सभी 14 पंचायतों को जोड़ने वाली सभी तीनों सड़कों की टायरिंग उखड़ चुकी है, सड़कों की हालत बत्तर हो चुकी है। जनता झटके पर झटके धूल में सफर करने को मजबूर हो चुकी है ।
पधर से बल्ह – रोपा सड़क डायनापार्क बल्ह तक अवैध खनन करने वालों ने सड़क की दुर्दशा वर्षों से बना रखी है।
डायनापार्क से बल्ह तक सड़क के विस्तारीकरण के नाम से लोकनिर्माण विभाग , खनन ,वन विभाग तथा पुलिस कर्मियों ने अवैध खनन कारोबारियों को जैसे खनन की खुली छूट दे रखी है। डायनापार्क से बल्ह तक सड़क में खूब अवैध खनन कर गटका और पथर निकाला कर टिपरों में दिन दिहाड़े निकाल कर सप्लाई किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने अपनी आंखों पर ऐसी पट्टी बांध रखी है जैसे महाभारत में गंधारी ने आंखे ठीक होने के बावजूद भी अपने पति धृतराष्ट्र की दशा को देख कर बांधी हुई थी। वहीं हालत पधर उपमंडल के अधिकारियों के अवैध खनन रोकने पर कर चुके हैं।
वर्ष 2017 में यह सड़क डायनापार्क से बल्ह तक टायरिंग कर पक्की हुई थी, उसके बाद पिछले 12 वर्षों से डायनापार्क से बल्ह तक हो रहे करोड़ों रुपए के अवैध खनन से गटका और पथर की सप्लाई खनन कारोबारियों द्वारा की जा रही है। जिससे सड़क की दुर्दशा हुई है। बरसात के मलबा तक नहीं उठाया जा रहा है लेकिन पहाड़ी को अवैध खनन के लिए खूब खनन किया जा रहा है।
चौहार घाटी के एक छोर काटौला से आरंग की सड़क भी पक्की होने के बावजूद कच्छी जैसी हालत बनी हुईं है।
वहीं दूसरे छोर फ़्यूंगलू से सुधार की सड़क भी जगह जगह उखड़ चुकी है । लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति अक्सर खराब हो चुकी है कोई भी प्रतिनिधि सड़क की बेहतरी के लिए सामने नहीं आ रहे हैं ।
द्रंग से बीजेपी विधायक पूर्ण ठाकुर ने क्षेत्र का दौरा करना छोड़ दिया है । सड़कों की दशा दयनीय हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों की जनता का नेताओं से विश्वास उठाता जा रहा है।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने तक चौहार घाटी की जनता के दुखदर्द को समझना तो दूर खुद भी अपनी आवाज को खामोश कर चुके हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें कच्ची और टूटी-फूटी हो चुकी हैं, जो लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में मुश्किलें पैदा कर रही हैं। इसके अलावा, खराब सड़कें किसानों की सब्जियां, फल, दूध, इत्यादि रोजमर्रा की नकदी व्यापार और उद्योग के विकास में भी बाधा उत्पन्न करती हैं।