सुभाष ठाकुर*******
अनुराग ठाकुर के मंडी सुंदरनगर दौरे ने हिमाचल भाजपा के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावनाओं को उजागर करने जैसे संकेत सामने आने लगे हैं।
मंडी संसदीय क्षेत्र भाजपा का राजनीतिक गढ़ बनता जा रहा है , क्योंकि मंडी जिले के सिराज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में पहली बार जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री के पद से नवाजा हुआ था।
जयराम ठाकुर के नेतृत्व में 2021 में मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनावों में अपने ही संसदीय क्षेत्र की सीट हारनी पड़ी थी , 2021 में जब मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव हारने के कई कारण यह भी रहे कि तत्कालीन जयराम ठाकुर की बीजेपी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार घुमल के तमाम वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों को हाशिए पर धकेले रखा , लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के समर्थकों ने संयम बनाए रखा लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के हिमाचल की राजनीतिक सियासत की वापसी के इंतजार में बैठे हुए हैं।
धूमल परिवार के नेताओं और समर्थकों में यह एक लंबा इंतजार देखा गया कि वह सभी पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की सक्रिय राजनीति के बाद अनुराग ठाकुर से जुड़े रहे। समर्थकों के इंतजार की घड़ी का समय नजदीक देखा जाने लगा है। अनुराग ठाकुर प्रदेश की सियासी जमीन टटोलने लग पड़े हैं ,समर्थकों की नजरें भी यही तलाश रही है कि हिमाचल की सियासत में अनुराग ठाकुर की वापसी कब होगी ? अनुराग ठाकुर के दौरे से जिस तरह सुंदर नगर के विधायक राकेश जम्बाल अनुराग ठाकुर के साथ कद मिलाते दिखाई देने लगे हुए हैं यह स्पष्ट है कि नेताओं ने अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करना शुरू कर दिया है।
डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान संगोष्ठी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति और सुंदरनगर बीजेपी विधायक राकेश जंबाल और राजा सिंह मल्होत्रा के साथ उनकी हंसी ने कई राजनीतिक मायने निकालने के लिए प्रेरित किया है।
अनुराग ठाकुर, राकेश जंबाल और राजा सिंह मल्होत्रा की हंसी और उनके बीच की जुगलबंदी से यह संकेत मिलता है कि भाजपा के भीतर एकता और सामंजस्य की भावना है। राजा सिंह मल्होत्रा की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि धूमल परिवार के साथ भी संबंध मजबूत हो रहे हैं। यह दौरा और नेताओं के बीच की जुगलबंदी हिमाचल भाजपा के लिए नई राजनीतिक दिशा का संकेत दे सकती है।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव*: अनुराग ठाकुर और राकेश जंबाल की जुगलबंदी से हिमाचल भाजपा के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है।
यह जुगलबंदी आगामी चुनावों के लिए भाजपा की रणनीति को भी प्रभावित कर सकती है। डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान संगोष्ठी कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर की उपस्थिति से यह संदेश जा सकता है कि भाजपा सामाजिक न्याय और समानता के मुद्दों पर गंभीर है।