पांच राज्यों के विधानसभा चुनावी परिणाम आते ही मोदी सरकार की बढ़ेगी मुश्किलें

  • ***पांच राज्यों के विधानसभा चुनावी परिणाम आते ही मोदी सरकार की बढ़ेगी मुश्किलें
    सुभाष ठाकुर*******
    डबल इंजन और अच्छे दिनों के सपने दिखाकर केंद्र की सत्ता पर आने वाले मोदी मैजिक का ग्राफ तेजी से कमजोर होने लगा है।
    कुछ माह बाद देश के आम होने वाले 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की मुश्किलें कम नहीं होंगी बल्कि तेजी से बढ़ती जायेगी।
    केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले देश की जनता को अच्छे दिन आने का सपना दिखाया हुआ था , बीजेपी ने देश के पढ़े लिखे युवाओं को हर साल दो करोड़ सरकार क्षेत्रों में नौकरी देने का वादा किया था लेकिन मोदी सरकार युवाओं को नौकरी देना तो दूर बल्कि 2016 में 8 नम्बर को नोट बंदी कर छोटे और मझौले उद्योगों पर गहरी चोट कर करोड़ों लोगों को उनकी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।
    मोदी सरकार ने देश की जनता से वादा किया था कि हर साल 100 स्मार्ट सिटी का निर्माण किया जाएगा ,
    मोदी सरकार ने सुपरफास्ट ट्रेन जिसकी 300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली होगी का निर्माण किया जाएगा।
    मोदी ने देश की जनता को 35 से 40 रुपए पेट्रोल और डीजल की कीमत करने के नाम से देश को गुमराह कर सत्ता में आए हैं। मोदी सरकार मंहगाई को रोकने में नाकाम रही है जबकि देश की जनता से तत्कालीन यूपीए दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मंगाई के नाम मोदी और बीजेपी हमलावर रहती थी।
  • केंद्र की मोदी सरकार के साढ़े नौ साल के कार्यकाल के दौरान जिस राज्य में बीजेपी की सरकारें रही उस समय कई बीजेपी शासित राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रोफेसरों ,सहायक प्रोफेसरों , एसोसिएट प्रोफेसरों के साथ वायस चांसलर के एहम पदों पर बीजेपी , आरएसएस तथा एबीवीपी के अपात्र लोगों की नियुतियां तक हुई है ।यही नहीं हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय  धर्मशाला विश्वविद्याल में एक प्रोफेसर नियुक्त किया हुआ है वह दसवी के मैथ में फेल हुआ है और उसने बाद में मैथ विषय को पास किए बिना व्यवसायिक विषय में दस जमा दो कर वागवानी नौणी विश्वविद्यालय से बीएससी, एमएससी कर पीएचडी तक कर डाली और जिस विषय पर उस एबीवीपी के एमएससी और पीएचडी की हुई है उस विषय में प्रोफेसर नही बल्कि अन्य दूसरे विषय में उन्हे केंद्रीय विश्वविद्यालय में नियुक्ति दी गई है।
  • यही नहीं हिमाचल प्रदेश की पूर्व जय राम की बीजेपी सरकार में सरदार पटेल विश्वविद्यालों में दर्जनों फर्जी और अपात्र लोगों को शिक्षक के पदों पर नियुक्तियां दी गई है वही अन्य सरकारी विभागों में सरकारी नौकरियों की परिपक्षाओं के पेपर लीक कर खूब भ्रष्टाचार करते रहे जिसके कारण हिमाचल से बीजेपी को सत्ता से बाहर खदेड़ा गया।
  • हिमाचल के बाद कर्नाटका में भी बीजेपी को सत्ता पर नही आने दिया।

मोदी सरकार के कार्यकाल में देश पर 1 लाख 55 हजार करोड़ का कर्ज पहुंच चुका है जब कि इससे पहले की सरकारों के सारे कार्यकाल का 55 हजार लाख करोड़ कर्जा मोदी सरकार को विरासत में मिला हुआ है। लेकिन उसके बाद भी देश के करोड़ों युवाओं को  सरकारी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाया।
केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल 6 माह का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है केंद्र में बीजेपी की मोदी सरकार का कार्यकाल मात्र छः माह शेष बचा हुआ है । देश की जनता केंद्र की मोदी सरकार के अच्छे दिन आने वाले हैं के वादों तथा विदेशों से 100 दिनों के भीतर कला धन लाने के बीजेपी के झूठे वादों से अवगत हो चुकी है। जिसके कारण राज्यों के विधानसभा चुनावों में एक के बाद एक राज्यों से बीजेपी को देश की जनता सत्ता से वेदखाल करती जा रही है।
पंजाब , हिमाचल , कर्नाटका के बाद अब मध्यप्रदेश से भी बीजेपी को सत्ता से जाना लगभग तय माना जा रहा है। राजस्थान , तेलगाना छतिसगढ़ तथा मिजोरम में बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं बल्कि कांग्रेस मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ आगे बढ़ती जा रही है।
पांच राज्यों के चुनावों के प्रचार के दौरान सोशल मिडिया तथा मीडिया रिपोर्ट में बीजेपी के कई नेताओं को चुनावी प्रचार के दौरान आम जनता ने भगाया हुआ दिखाई भी दिया है।
जिससे यही साफ होता है कि केंद्र से बीजेपी का जाना तय माना जा रहा है और कांग्रेस केंद्र में अपने विपक्षी गठबंधन के साथ केंद्र की सत्ता में विराजमान हो सकती है।

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