हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में आई आपदा के दौरान अपनी सारी जमा पूंजी, 51 लाख रुपये, आपदा राहत कोष में दान करके एक मिसाल पेश की है। यह कदम उनके बड़े दिल और आपदा प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों के प्रति सहानुभूति को दर्शाता है। हालांकि, यह देखने में आया है कि हिमाचल प्रदेश के अन्य चुने हुए प्रतिनिधियों ने ऐसा बड़ा दिल नहीं दिखाया है और अपने अंशदान के लिए आगे बहुत नहीं आए हैं।
हिमाचल प्रदेश में जब भी आपदा किसी भी जिले में ही क्यों नहीं आई हो विभिन्न संस्थाओं, एनजीओ और समाज के विभिन्न समुदाय के लोगों ने खुलकर मदद के हाथ बढ़ाए हैं
*आपदा के नुकसान का विवरण:*
– *2023 में आई आपदा:* मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सारी जमा पूंजी आपदा राहत कोष में दान की, जिससे प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को मदद मिल सके। इस आपदा से प्रदेश को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
– *2024 में आई आपदा:* इस वर्ष की आपदा से भी प्रदेश को काफी नुकसान हुआ, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
– *2025 में आई आपदा:* हाल ही में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिससे लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने की अपील की है और राहत कार्यों के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2023 में आई आपदा में अपनी सारी पूंजी राहत कोष में दे डाली ताकि आपदा के लिए संस्थाएं , एनजीओ तथा समाज के हर वर्ग द्वारा आपदा में अपना अंशदान दिया जाता है ,तो चुने हुए विधायक, मंत्री, सांसद, बोर्ड निगमों के अध्यक्ष उपाध्यक्षों ,पूर्व विधायक सभी सक्षम होने के बावजूद बहुत भी अपने अंशदान के लिए बहुत नेताओं को ऐसी आपदा में अपने बैंक खातों से अंशदान करते नहीं देखा।जैसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर दिखाया है।
नेताइनको अपनी तिजोरी से अंशदान देते हुए
हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के नेताओं को यह संदेश देने का प्रयास किया कि जनता के समर्थन से वह नेता बने हैं ,
पहल के बावजूद सरकार में शामिल और विपक्ष के कई नेताओं के करोड़ों रुपए से भरे बैंक खातों से आपदा राहत की पहल नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा राहत कोष में दान करके एक अच्छी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने बैंक खातों की जमा पूंजी के 51 लाख रुपये आपदा राहत कोष में जमा करवाए, जिससे प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को मदद मिल सके। यह कदम उनकी निष्ठा और आपदा प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने राहत राशि में भी बहुत अधिक बढ़ोतरी की है, जो पहले बहुत कम होती थी।
हिमाचल प्रदेश के अन्य चुने हुए प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरह बड़ा दिल नहीं दिखाया है। अधिकांश नेता अपने अंशदान के लिए आगे नहीं आए हैं और केवल सरकार से पूरी मदद करने की बात कहकर अपना सहयोग दिखाते रहे हैं। हालांकि, समाज सेवकों और एनजीओ द्वारा हर संभव मदद की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह कदम एक अच्छी मिसाल पेश करता है और अन्य नेताओं को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। आपदा के समय नेताओं को अपने अंशदान के लिए आगे आना चाहिए और प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों की मदद करनी चाहिए। इससे न केवल प्रभावितों को मदद मिलेगी, बल्कि नेताओं की छवि भी सुधरेगी।