*हिमाचल विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर चर्चा: हिमालय नीति अभियान के सुझाव*
अमर ज्वाला //कुल्लू
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हाल ही में आयोजित एक चर्चा में हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष गुमान सिंह ने प्रदेश में अतिवृष्टि, भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं से हुई जन-धन की हानि पर गंभीर बहस और ठोस निर्णय लेने के लिए सुझाव दिए हैं। अभियान ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, विकास मॉडल की समीक्षा, बड़े ढाँचागत परियोजनाओं के ऑडिट, और पूर्व चेतावनी प्रणालियों के विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया है।
*मुख्य सुझाव:*
– जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने और उसके अनुसार नीतियों को बनाने की आवश्यकता
– हिमाचल की नाजुक पारिस्थितिकी और वहन क्षमता को ध्यान में रखते हुए विकास परियोजनाओं का पुनर्मूल्यांकन
– बड़े सरकारी और निजी निर्माण कार्यों का स्वतंत्र पर्यावरणीय ऑडिट
– फोर लेन सड़क निर्माण और NHAI के कार्यों की जांच
– आपदा पूर्वानुमान और प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक पूर्व चेतावनी प्रणालियों का विकास
– **आपदा प्रभावितों के लिए पारदर्शी राहत और पुनर्वास नीति
– हिमालय नीति का निर्माण जो पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय संतुलन को सुरक्षित रखे
– जलवायु परिवर्तन के शमन और अनुकूलन के लिए समुदाय-आधारित उपायों को बढ़ावा देना
*आगे की कार्रवाई*
हिमालय नीति अभियान ने विधानसभा से अनुरोध किया है कि इन सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाए और वैज्ञानिकों, पर्यावरण विशेषज्ञों, और सामाजिक कार्यकर्ताओं से परामर्श लिया जाए। इससे राज्य को आपदाओं से अधिक सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
