डीजीपी ने लाहौल-स्पीति स्पीति के एसपी मयंक चौधरी तथा चार पुलिस जवानों को आपदा योद्धा सम्मान प्रशस्ति पत्र से किया सम्मानित

डीजीपी संजय कुंडु ने लाहौल-स्पीति स्पीति के एसपी मयंक चौधरी तथा चार पुलिस जवानों को आपदा योद्धा सम्मान प्रशस्ति पत्र से किया सम्मानित
,,,,युद्धे शौर्यं प्रयासेन शीलं युद्धं विक्रमेण च।
वीरता युद्धे प्राप्तस्य तत्र सर्वं प्रकाशते॥”

(तन्जिन वंगज्ञाल रुमबाह)

अमर ज्वाला ब्यूरो लाहौल-स्पीति
रविवार 10 दिसंबर को शिमला के गेयटी थियेटर में जर्नलिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट के सहयोग से जयहिंद फाउंडेशन द्वारा आयोजित आपदा योद्धा समारोह में हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडु ने लाहौल-स्पीति के एसपी मयंक चौधरी को आपदा के समय चंद्रताल में फंसे तीन सौ लोगों को बचाने तथा रेस्क्यू टीम को लीड पर आपदा योद्धा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनके साथ लाहौल-स्पीति के एचएचसी राजेश कुमार को भी चन्द्रताल में फंसे लोगों का रेस्क्यू करने पर सम्मानित किया। वहीं एचसी सीताराम को बर्फ़बारी के समय बारालाचा और जिंगजिंगबार में फंसे 400 लोगों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने, वहीं लाहौल-स्पीती के एसआई ओम प्रकाश एवं एचसी भरतभूषण को ग्राम्फू,पागलनाला और तेलिंग नाला में फंसे 1544, का बचाने को लेकर आपदा योद्धा पुरस्कार से नवाजा गया।
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आपदा के दौरान मुश्किल परिस्थितियों में चंद्रताल से लेकर जिला लाहौल स्पीति की जानकारियां सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हुए सूचना एवम जनसंपर्क विभाग के सहायक अधिकारी अजय बनियाल को भी पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने प्रशस्ति पत्र तथा शाल टोपी पहनाकर स्मृति चिन्ह दे कर समानित किया ।
विपरीत परिस्थितियों में चन्द्रताल का रेस्क्यू चुनौतीपूर्ण ,,,,
 2023 में चन्द्रताल में बर्फ़ में फंसे 300 लोगों को लाहौल स्पीति पुलिस द्वारा लागातार 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रही थी। वह काफी चुनौतीपूर्ण था। अगर तुलना की जाए तो जहां एक तरफ सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन मे संसाधन और संचार दोनो ही थे। जबकी जनजातीय स्पीति घाटी के चन्द्रताल रेस्क्यू ऑपरेशन में न तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध थे और न ही चन्द्रताल क्षेत्र में संचार व्यवस्था। लगभग पंद्रह हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित चन्द्रताल क्षेत्र में तीन चार फीट तक बर्फ से ढकी सडके और माइनस तापमान ऐसी विपरीत परिस्थितियों में हिमाचल पुलिस के जवानों ने विशेषकर लाहौल-स्पीति के एसपी मयंक चौधरी ने अदम्य साहस का परिचय देकर तीन सौ पर्यटको को सकुशल गंतव्य तक पहुंचाया।

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