चौहार घाटी की जनता ने लोकनिर्माण मंत्री से घोघराधार के फागणी मोड से टायरिंग की गुणवत्ता की मांगी जांच

*क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा इस मामले में जांच की जाएगी?*

*क्या ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?*

सुभाष ठाकुर*******

लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकदार से करवाई जा रही चौहार घाटी को जोड़ने वाले  घोघराधार के फागणी मोड से बल्ह पुल तक तीन किलोमीटर टायरिंग की गुणवत्ता की मांग जांच  लोकनिर्माण मंत्री से मांगी है। सोशल मीडिया में एक वीडियो जिसमे टायरिंग पर सवाल उठाए है कि ठेकेदार द्वारा मिट्टी पर ही टायरिंग की गई है।

चौहार घाटी के युवाओं  द्वारा लोकनिर्माण वि विभाग की गुणवत्ता जांच दल को घोघराधार के फागणी  से बल्ह पुल तक तीन किलोमीटर टायरिंग की गुणवत्ता की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री और लोकनिर्माण मंत्री से सोशल प्लेटफॉर्म पर मांग की जा रही है । सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होते ही चौहार घाटी की जनता में काफी आक्रोश बढ़ता जा रहा है कि पिछले आठ बसों बाद इस रोड का मात्र तीन किलोमीटर को पक्का किया जा रहा था वह भी घटिया और निम्न स्तर की टायरिंग की जा रही थी जिसका एक व्यक्ति द्वारा वीडियो बना कर सोशल मीडिया में वायरल किया गया है। वीडियो बनाते वक्त टायरिंग करने वाले ठेकेदार का वहां पहुंच कर वीडियो निर्माता पर जिस तरह से भड़कना घाटी के लोगों में खूब आक्रोशित हो चुके हैं कि एक तो निम्न स्तर की टायरिंग वही ऊपर से वीडियो निर्माता को गलत साबित करने लगा कि रोड से बाहर और त्ताजी टायरिंग को उखाड़ा जा रहा है। यह बात सच है कि टाईयरिंग ताजी थी लेकिन यह बात भी सच है कि जब विधियों निर्माता द्वारा टायरिंग को हाथों से उखाड़ा गया तो मिट्टी वह भी सुखी मिट्टी के ऊपर टायरिंग हुई है। लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य खुद घटिया और निम्न स्तर की गुणवत्ता निर्माण कार्य से कभी कोई समझौता नहीं करते हैं जरूर मामले की जांच होना तय माना जा रहा है।

ताकि ठेकेदार की टायरिंग गुणवत्ता पूर्ण है या वीडियो की सच्चाई लोकनिर्माण अधिकारियों की नजरों का चश्मा बदलने की जरूरत हो चुकी है।

ठेकेदार ने वीडियो बनाने वाले पर भड़ककर अपने निम्न स्तर के निर्माण कार्य को छिपाने की कोशिश की।

अधिशासी अभियंता विनायक कश्यप ने कहा कि उन्हें वीडियो मिली है , जेई और एसडीओ टायरिंग स्थल पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि टायरिंग करने वाले ठेकेदारों की कमी है और कोई भी काम करने के लिए आगे नहीं आ रहा है। ठेकेदार भूपेंद्र को एक किलोमीटर का और टायरिंग का कार्य दिया जाएगा।

अधिशासी अभियंता का कहना है कि ठेकेदार द्वारा अच्छी टायरिंग की जा रही है, लेकिन वीडियो में निम्न स्तर की टायरिंग दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि वीडियो बनाने वाला खुद आए और टायरिंग का कार्य करे। विभागीय जांच दल से गुणवत्ता जांच कराने का सुझाव दिया गया है ताकि किसी को कोई आशंका न रहे।

 

इस मामले में मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री को जांच करवानी चाहिए और यदि टायरिंग निम्न स्तर की पाई जाती है तो ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। चौहार घाटी की जनता में वीडियो को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है, क्योंकि पिछले आठ वर्षों से इस रोड पर विभाग द्वारा पक्का किया जा रहा है और लोगों को मुश्किल से इस रोड पर सफर करना पड़ता है।

क्या इस मामले में विभागीय जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी? यह देखना दिलचस्प होगा। क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई की जाएगी? क्या मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे?

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