-आपसी सहमति राज्य स्तरीय चुनाव को करना पड़ा स्थगित,
अध्यक्ष पद इंजिनियर वर्ग के लिए आरक्षित होने पर उठे सवाल
मंडी ,17 दिसंबर, मुरारी शर्मा। मंडी में आयोजित हुए विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम के राज्य स्तरीय चुनाव में अध्यक्ष पद को हथियाने को लेकर भारी हंगामा होने के कारण राज्य स्तरीय चुनाव आगामी दिनों के लिए स्थगित करना पड़ा। चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दोनों ही पक्षों में आपसी सहमति नहीं बन पाई। आपसी खींचतान इस कद्र बढ़ी कि इस चुनाव को स्थगित करना पड़ा। बताया जा रहा है कांगड़ा से आए कर्मी अध्यक्ष पद की कमान किसी और को सौंपना चाहते थे जबकि दूसरा पक्ष किसी और को चुनना चाहता था। यह भी बताया जा रहा है एक पक्ष इंजीनियर और दूसरा पक्ष गैर इंजीनियर पद देना चाहता था। हालांकि , इससे पूर्व बैठक में कई विचारों का आदान प्रदान हुआ। इस अवसर पर पूर्व कर्मचारी नता एवं प्रदेश महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने चुनाव स्थगित होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव कुछ दिनों में करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेंशनर दिवस के अवसर पर चुनाव को लेकर सहमति न बनने के कारण अब चुनाव को टाल दिया गया है। इससे पूर्व विद्युृत बोर्ड पेंशनर फोरम द्वारा राज्य स्तरीय पेंशनर दिवस का आयोजन बड़ी धूमधाम से मनाया गया । जिसमें प्रदेशभर से आए सैंकड़ों पेंशनरों ने भाग लिया। भीमाकाली परिसर का पूरा पंडाल वयोवृद्ध पेंशनर्ज से भरा था। जिसमें ई. एएस गुप्ता रिटायर्ड बोर्ड मैंबर ने बतोर मु य अतिथि शिरकत की। सर्वप्रथम जो पेंशनर गत वर्ष स्वर्ग सिधार गए उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। तत्पश्चात 80 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके पैंशनरों को शाल व टोपी पहनाकर स मानित किया गया। इसके बाद प्रदेश महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने फ ोरम की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और बोर्ड प्रबंधन को पैंशनर्ज की मांगों के संबंध में अपनाई जा रही ढुलमुल नीति की आलोचना करते हुए प्रबंधन को चेतावनी दी कि वह अपनी कार्यप्रणाली मे तेजी लाए। ऐसा न होने की स्थिति में पेंशनर्ज के सब्र का बांध टूट जाए और उन्हें सीधी कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष का कार्य काल बीत जाने के बाद भी एक जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए पेंशनर्ज की नोशनल फिक्सेशन मे अभी तक वांछित प्रगति नहीं हो पाई और न ही पहली जनवरी 2016 के बाद रिटायर कर्मचारियों का वेतन निर्धारण का कार्य पूरा हो पाया है। जिसके कारण उन्हें रिटायरमेंट की राशि जैसे ग्रैच्युटी, लीव.एन्कैशमैंट आदि प्राप्त नहीं हो रही है। महासचिव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में सेवारत नियमित कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किया जा चुका है। किंतु पैंशनर्ज के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। प्रदेश से आए विभिन्न वक्ताओं ने बोर्ड की सुस्त कार्य प्रणाली का घोर विरोध किया तथा प्रबंधन को चेतावनी देते हुए अनुरोध किया कि 21 नवंबर को केंद्रीय समिति के साथ हुई बोर्ड प्रबंधन की बैठक में निर्णयों का अक्षरक्ष: पालन किया जाए और वेतन निर्धारण की समस्त प्रक्रिया 31 मार्च 2024 तक अवश्य पूरी कर दी जाए अन्यथा पैंशनर्ज को मजबूरन बोर्ड मु यालय के सामने धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा। पैंशनर्ज के पैडिंग पड़े मैडिकल बिलों के संदर्भ में सभी वक्ताओं ने रोष प्रकट किया और इसका तुरंत भुगतान करने का अनुरोध किया।