गणतंत्र दिवस के मौके पर बीजेपी के दो पार्षदों ने मचाया हुडदंग

***बीजेपी पार्षद ने क्यों उठाया कांग्रेस के पूर्व मंत्री जिला  अध्यक्ष  पर हाथ ?

***पूर्व मंत्री पर उठा डाला हाथ मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सुलझाया मामला

***मंच की कुर्सियों पर सिराज कोंग्रेसियों ने किया था कब्जा

***निगम के महापौर को कुर्सी के लिए करना पड़ा इंतजार

 

सुभाष ठाकुर*******

 

हम भारतीय हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में बड़े जोश और जुनून के साथ मनाते हैं। साल 1950 में आजादी के लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी को अपना संविधान लागू करने के साथ ही भारत एक स्वशासित, समावेशी, समाजवादी और लोकतांत्रिक राष्ट्र बना था। गणतंत्र दिवस के दिन हर भारतीय अपने-अपने तरीके से जश्न मनाकर इस महान दिन का आनंद लेते हैं। लेकिन राजनीतिक दलों से जुड़े हुए नेताओं द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर भी अपनी राजनितिक रोटियां सेकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

गणतंत्र दिवस के इस मौके पर उन लाखों योद्धाओं के बलिदान का मजाक 26 जनवरी 2024 को मंडी के जिला स्तरीय कार्यक्रम में चुने हुए पार्षदों द्वारा उड़ाया गया। वहीं मंडी नगर निगम के लोकप्रिय महापौर वीरेंद्र भट्ट को मंच पर बैठने के लिए कुर्सी सिराज और नाचन के कई कांग्रेसी नेताओं द्वारा मंच की कुर्सी पर कब्जा कर मंडी नगर निगम के महापौर को कुर्सी तक नही छोड़ी गई थी।

मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा खुद खड़े होकर बड़े ही आदर से वीरेंद्र भट्ट को कुर्सी दी गई ।

गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सर्किट हाउस से मंडी शहर में पहुंचने पर मंडी नगर निगम के महापौर तथा सभी पार्षदों द्वारा मंत्री का स्वागत किया और इंदिरा मार्केट में बने हुए शहीद पार्क शहीदों को पुष्पांजलि देते वक्त मंत्री द्वारा सभी पार्षदों को आदर सम्मान दिया ।

गांधी चौक पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाने के बाद मंत्री सेरी मंच पर पहुंचे तो सिराज और नाचन कांग्रेस विधानसभा से प्रत्याशी रहे मंच की पहली और दूसरी पंक्ति की कुर्सी पर बैठ जाने से कांग्रेस के दूसरे गुट की आंखों में चढ़ गए थे।

गणतंत्र दिवस के जिला कार्यकर्म के इस अवसर पर सिराज और नाचन के आधा दर्जन से अधिक नेताओं ने मंच की अन्य कुर्सी पर कब्जा कर डाला था ।

मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा तिरंगा फहरा कर पुलिस जवानों की सलामी ले कर मंच की ओर आए तो मंच पहले से ही कांग्रेस नेताओं द्वारा भर चुका था ।

मंत्री हर्षवर्धन चौहान के बगल में पूर्व मंत्री जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रकाश चौधरी ,चेतराम ठाकुर और नरेश चौहान व अन्य बैठे हुए थे ।

मंडी नगर निगम के शांत और मिलनसार स्वभाव के लोक प्रिय महापौर वीरेंद्र भट्ट को खड़े ही रह कर कुर्सी मिलने का इंतजार करते रहे । मंडी शहर के लोगों में अपने निगम के महापौर के अपमान के लिए पीछे से यहां तक बोलते हुए सुनाई दिए कि हम आपके साथ हैं। अगर कुर्सी नही दी तो हम सभी मंच छोड़ कर आपके साथ चले जायेंगे ।

उन्हे किसी ने कुर्सी नही छोड़ी । मंडी नगर निगम के महापौर को कुर्सी न मिलने पर कुछ कांग्रेसी नेताओं ने बोलना शुरू कर दिया कि आपको कुर्सी नही मिली तो हम मंच को छोड़ चले जाएंगे ।

मंत्री हर्षवर्धन चौहान की नजर महापौर पर पड़ी कि कुर्सी नही दी गई है खुद मंत्री खड़े होकर महापौर को अपनी कुर्सी दी गई और नरेश चौहान पहली पंक्ति से उठाकर पीछे बैठा दिया ।

वीरेंद्र भट्ट के साथ बगल में पार्षद राजा सिंह भी बैठना चाहते थे और वीरेंद्र आर्य द्वारा कांग्रेस के हारे हुए नेताओं कहा गया कि 40 हजार वोटों से साले हारे नकारे आगे क्यों बैठाया गया । यह सुनते ही पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी सख्त लहजे में बोले की भाषा का प्रयोग ठीक करें। लेकिन पार्षद राजा सिंह सरदार ने सारी हदें पार कर पूर्व मंत्री को मरने के लिए हाथ उठा डाला था । मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बीच बचाव कर मामला सुलझाया गया।

मंडी शहर में नगर निगम के पार्षद सरदार राजा सिंह के लिए सभी ने कहा कि सरदार तो बहुत ही शांति प्रिय होते हैं लेकिन राजा सिंह पार्षद ने पूर्व मंत्री के साथ यह बर्ताव कर सरदारों की छबि खराब करने का कार्य किया हुआ है ।

हिमाचल प्रदेश की आम जनता सरदारों के प्रति बहुत ही शांति स्वभाव वाली छवि से जनता जाता है।

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