शिक्षा की गुणवत्ता में बिना सुविधा कैसे होगा सुधार : डॉ वनिता सकलानी

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सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालों के शिक्षकों की एचजीसीटीए एसोसिएशन की अध्यक्षा वनिता सकलानी की अध्यक्षता में आमसभा मंडी के वल्लभ महाविद्यालय में आयोजित हुई।

एचजीसीटीए एसोसिएशन की आमसभा में विभिन्न 35 कॉलेजों के 130 शिक्षक शामिल रहे।

आमसभा के बाद एचजीसीटीए एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉक्टर विनिता ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि आमसभा की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर अनेकों प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें शिक्षकों की पदोन्नति न होने से शिक्षकों के भविष्य में आगे बढ़ने से शिक्षा विभाग का पूरा सिस्टम कमजोर करार दिया गया।

डॉक्टर वनिता सकलानी ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए समय समय पर को भी अधिसूचना जारी की जा रही है उनमें शिक्षा की गुणवत्ता पर बार बार जोर दिया जा रहा है।

डॉक्टर वनिता ने प्रेस कांफ्रेंस में साफ शब्दों में कहा कि बिना सुविधा से शिक्षा की गुणवत्ता में कैसे सुधार आएगा ?

उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए शिक्षक में शिक्षा के गुण होना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा का होना बेहद जरूरी होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जैसे पढ़ाई के कमरों में बैठने की सुविधा नहीं, कंप्यूटर सिस्टम नही, भवनों की किलातें अत्याधिक बताई गई ।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की बहुत कमी है ,कई जगह एक ही शिक्षक सैकड़ों विद्यार्थियों को पढ़ना पर रहा है।

डॉक्टर वनिता ने यह भी कहा कि एक ही शिक्षक को पूरे तीन सालों तक दस से अधिक विषयों को एक ही शिक्षक को पढ़ना पढ़ रहा है तो ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कैसे संभव होगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के इन्फ्रास्टचर और शिक्षा गुणवत्ता की ग्रेडिंग परिषद की राष्ट्रीय सलाहकारी करती है।

एसपीयू और एचपीयू की कार्यप्रणाली गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि को शिक्षक पीएचडी नही कर पाए हैं उन्हें बिना टेस्ट पास किए ही पीएचडी का मौका मिलना चाहिए । उन्होंने कहा कि पेपर शोध के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा मान्यता ही नही दी जा रही जिसके कारण शिक्षकों को एडवांस कार्य करने में मुश्किलें हो रही है।

डॉक्टर वनिता ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि एचजीसीटीए एसोसिएशन द्वारा सरकार और प्रशासन से अपनी मांगों को मनाने के लिए आपसी सौहार्द पूर्ण माहौल चाहते हैं । लेकिन सरकार और प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को नही माना तो आगामी रणनीति के लिए भी एसोसिएशन तय करेगी कि आगे वह अपनी मांगों को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाने होंगे।

डॉक्टर वनिता सकलानी ने सरकार को यह भी आश्वासन दिया है कि शिक्षकों का सरकार को पूरा स्पोर्ट रहेगा कि प्रदेश में गुणवक्ता देने के लिए को भी काम शिक्षकों को करना है उसके लिए तत्पर रहेंगे। उसके लिए एचजीसीटीए का समर्थन देने का प्रेस वार्ता के माध्यम से ऐलान किया गया।

*राष्ट्रीय शिक्षा पॉलिसी 2020 बिना इंफ्रास्ट्रक्चर न करें लागू*

*बॉक्स* :

राष्ट्रीय नई शिक्षा 2020 पॉलिसी हड़बड़ाहट में न करें लागू, रुसा जैसा होगा हाल।

रूस की तरह हड़बड़ाहट न कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तभी लाई जाए जब तक इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से खड़ा न हो जाए , कॉलेजों में सभी शिक्षकों के पदों को भरने के बाद , कॉलेजों के भवनों का निर्माण करने के बाद ही नई शिक्षा 2020 पॉलिसी लागू की जाए। रूसा की तरह नई राष्ट्रीय शिक्षा 2020 पॉलिसी हड़बड़ाहट में लागू न करें। जिसके चलते लाखों विद्यार्थियों की शिक्षा पर दुष्प्रभाव पड़ेगा जैसे रुसा के विद्यार्थियों के साथ हुआ है ।

बॉक्स

   कॉलेजों में एक दिन में दो बार बायोमिट्रिक उपस्थिति हो रही है दर्ज ।

अमर ज्वाला के सवाल पर डॉक्टर वनिता सकलानी ने जबाव देते हुए कहा कि आमसभा की चर्चा में बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करने बारे में चर्चा हुई ।उन्होंने कहा कि कॉलेजों में पूरा स्टाफ  दिन के दो बार बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ शिक्षकों को जो शारीरिक विकलांग है जैसे चेयर पर बैठ कर बायोमिट्रिक मशीन तक नही पहुंच पाए हैं वह अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कैसे कर पाए उनके बारे में भी गंभीरता से चर्चा की गई ताकि वह भी बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज कर पाए।

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