हिमाचल की एक राज्यसभा सीट के लिए हुई क्रॉस वोटिंग के बाद हुए विवादों के चलते आखिरकार बागी विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
सुधीर शर्मा (धर्मशाला) राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर), रवि ठाकुर (लाहौल स्फीति), चैतन्य शर्मा (गगरेट), देविंदर भुट्टो (कुटलेहर
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी का पदभार जब से राजीव शुक्ला ने संभाला हुआ है ,तभी से हिमाचल कांग्रेस कभी गुटों में विभाजित होती रही , कभी वरिष्ठ नेताओं को सरकार और पार्टी से नजर अंदाज करते करते हिमाचल प्रदेश से ऐसे लोगों को शुक्ला ने अपने ऐसे चहेतों को इतना करीब रखा कि वह वरिष्ठ नेताओं को पार्टी की सभी गतिविधियों से दूर रखा जाता रहा ।
हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए हिमाचल प्रदेश के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा राज्यसभा सीट के लिए हिमाचल के किसी भी वरिष्ठ नेता का नाम राज्यसभा के लिए आगे कर राज्यसभा सांसद के लिए भेजा जाए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला द्वारा प्रदेश कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाकर राज्यसभा के लिए बाहरी राज्य के कांग्रेस नेता को हिमाचल की राज्यसभा सीट के लिए अभिषेक मनुसिंघवी के नाम को आगे कर कांग्रेस की 40 विधायकों वाली बहुमत सरकार की खुद ही मुश्किलें बढ़ा रखी हुई है।
कांग्रेस के छः विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में हिमाचल से बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार हर्षमहाजन् को अपना वोट दे कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता जिन्हे प्रदेश कांग्रेस के प्रभार का जिम्मा पार्टी हाईकमान द्वारा सौंपा हुआ है उनकी कार्यप्रणाली और कार्यशैली को नकारते हुए