एसपीयू की फर्जी नियुक्तियों पर प्रतिकुलपति बोली .. प्रदेश सरकार पर निर्भर कितना सीरियस

***सीमित संसाधनों के साथ एसपीयू मंडी ने बढ़ाए कई कदम , यूजीसी ग्रांट कमीशन में हुई सूचीबद्ध : डॉ अनुपमा 

  ***  एसपीयू मंडी ने छः विषयों पर पीएचडी के कोर्स किए शुरू , शिक्षकों को मिले अनेकों प्रोजेक्ट

   *** प्रदेश सरकार पर किया प्रहार बोले, बजट में की 35 लाख की कटौती।

अमर ज्वाला //मंडी

सरदार पटेल विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा द्वारा प्रेस वार्ता करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र कर गिनाई दो वर्षों की उपलब्धियां। स्टाफ की कमी के चलते प्रतिकुलपति बोली हमारे हौंसले बुलंद है।

सरदार पटेल विश्वविद्यालय द्वारा उठाए हुए हजारों विद्यार्थियों के उजवल भविष्य के लिए कदमों को शुक्रवार को मिडिया से प्रेस वार्ता कर सांझा किए।

प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय दो वर्षों के कार्यकाल में विश्वविद्यालय यूजीसी ग्रांट कमीशन में सूचीबद्ध हो करने में उन्होंने कामयाबी पाई है।

सरदार पटेल विश्वविद्यालय को अस्तित्व में आए हुए अभी लगभग दो वर्ष होने वाले हैं।

डॉ अनुपमा ने कहा कि इन दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने 45 छात्राओं के लिए छात्रा आवास माड़व कॉम्प्लेक्स में खोला हुआ है । तीन परिसरों पधर, वासा और सुंदरनगर को विश्वविद्यालय के फ्लैगशिप में लिया गया। उन्होंने कहा कि छः पीएचडी के कोर्स भी शुरू कर दिए हैं। डॉक्टर अनुपमा ने कहा कि इन्ही दो वर्षों में कई शिक्षकों को अनेकों प्रोजेक्ट्स भी मिले और 60 से अधिक सेमिनार , वर्कशॉप, गैस्ट लैक्चर किए और 11 एमओयू (समझोता हस्ताक्षर) अन्य विश्वविद्यालयों के साथ किए हुए हैं।

अनुपमा ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय ने 5 वर्षीय भौतिकी विज्ञान विषय में बीएससी और एमएससी का कोर्स भी शुरू किया हुआ है।

डॉक्टर अनुपमा ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि डेढ वर्षों के कार्यकाल में रूसा से 20 करोड़ की ग्रांट पाने में कामयाबी पाई है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा मात्र 10 करोड़ 70 लाख एक वर्ष और दूसरे वर्ष 10करोड़ 35 लाख की ग्रांट में से 35 लाख की कटौती कर दिया गया ।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय के 46 कॉलेजों का कैंपस है। जिसमें हजारों विद्यार्थियों का भिविष्य जुड़ा हुआ है। डॉक्टर अनुपमा ने साफ किया कि विद्यार्थियों का भविष्य में ही देश का भविष्य है।

डॉक्टर अनुपमा ने प्रदेश सरकार की ढुलमुल कार्यप्रणाली पर इशारों ही इशारों में कई कुछ बोल गई । उन्होंने कहा कि शिमला विश्वविद्यालय के संचालन के लिए 150 करोड़ का बजट प्रदेश सरकार ने रखा हुआ है जबकि मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय के 46 कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य के लिए मात्र 10 करोड़ 35 लाख का बजट प्रदेश सरकार ने जारी किया हुआ बताया गया।

प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा ने यह भी साफ किया कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में 10 करोड़ रुपए का खर्च होता है।

प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैए पर विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति द्वारा फिर से ऐसा तमाचा मार दिया कि आमजनता तक इसकी गूंज सुनाई देगी क्योंकि लोकसभा चुनावी प्रचार के दौरान प्रतिकुलपति की यह प्रेस वार्ता कांग्रेस सरकार के लिए भी भारी पड़ने वाली है ,कि कम बजट से एसपीयू में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा कैसे मिल पाएगी । प्रतिकुलपति का यह संदेश अभिभावकों के दिल तक मीडिया के माध्यम से सपष्ट संदेश दे डाला है।

लोकसभा चुनावों के दौरान मंडी संसदीय क्षेत्र के हजारों लाखों अभिभावकों तक यह संदेश जाते ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार के उम्मीदवार की मुश्किल खड़ सकती है

बॉक्स

एसपीयू मंडी के दो वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश की कांग्रेस सरकार और विपक्ष में बैठी बीजेपी ने हजारों छात्रों के भविष्य की चिंता किए बिना एसपीयू की आड़ पर जबरदस्त राजनीति की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बीजेपी सरकार में सरदार पटेल विश्वविद्यालय को मंडी में खोला गया । विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों तथा गैर शिक्षकों की नियुक्तियां तब विवादों में आई जब बीजेपी के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष द्वारा आरटीआई लेकर फर्जी नियुतियों के मामले की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी को कई  गई थी।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद पहले ही विधानसभा सत्तर में मंडी जिले के विधायक चंद्र शेखर द्वारा विधानसभा में सरदार पटेल विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्तियों का पूरा चिट्ठा खोल दिया और बोले कि किसी भी एक क्लर्क से जांच की जायेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ दृश्य नजर आ जायगा।

सरदार पटेल विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों का मामला शिमला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सोशल मिडिया में सरदार पटेल विश्वविद्यालय के फर्जी दस्तावेजों को आरटीआई द्वारा सूचना लेकर सोशल मीडिया में वायरल करना शुरू कर दिया हैं।

फर्जी दस्तावेजों से भर्ती होने वाले शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है वहीं प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा पत्रकारों के  सवालों का जबाव देते हुए बोली कि यह मंच उन सवालों के जबाव देने का नही है ,यह भी बोल गई कि छोड़ों अब आगे बढ़ो ,

उन्होंने यह भी कहा कि ये सरकार पर निर्भर करता है कि फर्जी नियुक्तियों के मामलों पर प्रदेश सरकार कितना सीरियस है। यह भी बोला कि कहने को कोई कुछ भी कह सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *