नशे के कारोबार करने वालों पर जितनी सख्ती की जाए उतनी कम
लगती है ।क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में भांग और अफीम का नशा अपनिमाकियत
भूमि पर ही नहीं बल्कि वन विभाग के जंगलों में भी यह नशे के सौदागर
जंगलों में आग लगाकर पेड़पौधे को जलाकर जंगल खाली कर के वहां
पर भी यह नशे के सौदागर अपना कारोबार चलाया हुआ है।
जिसकी जानकारी ग्रामीण क्षेत्र में तैनात वन के सुरक्षा कर्मियों को भी पूर्ण जानकारी
रहती है। लेकिन उन पर कोई उचित कदम नहीं उठाते हैं।
पधर में अवैध अफीम की खेती पकड़ी गई
एक लाख सेअधिक पौधे नष्ट किए गए अवैध
मादक पधर की खेती पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते
हुए, भर, बरथवान और भुलंग गांवों में अवैध अफीम की
खेती का पता चलने के बाद पुलिस स्टेशन पधर में
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडी एंड पीएस)
अधिनियम के तहत चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
तीनों गांवों में कुल 1,09,486 अफीम के पौधे अवैध रूप से उगाए
जा रहे थे। रासायनिक जांच के लिए आवश्यक नमूने लेने के बाद,
पुलिस ने शेष सभी अवैध फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
वर्तमान में शामिल किसानों की पहचान का पता लगाने के लिए
राजस्व रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और जिम्मेदार पाए जाने
वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सभी चार दर्ज मामलों में जांच जारी है।