***बीजेपी वनाम आरएसएस का दिखेगा असर
सुभाष ठाकुर*******
देश के आम लोकसभा चुनावों के अंतिम और सातवे चरण के प्रचार का आज आखरी दिन है।
हिमाचल प्रदेश में आज बीजेपी कांग्रेस नेताओं के स्टार प्रचारकों की जनसभा कर अपने अपने राज्यों में पांच बजे से पहले वापिस होना पड़ेगा।
देश के आम लोकसभा चुनावों में एनडीए और इंडिया गठबंधन के चुनावी प्रचार में दिन रात का फर्क देखने को मिला।
एनडीए के मुख्य प्रधानमंत्री ने अपनी पूरी टीम को धर्म और जाति तथा मंदिर और मस्जिद तथा पाकिस्तान के नामों का प्रचार करते हुए देश की महिलाओं के मंगल सूत्र व किसानों की गाय भैंस को विपक्ष छीन लेगा ऐसा वेहुद्दा देश के आम लोकसभा चुनावों का प्रचार देखने को मिला।
जबकि विपक्ष बेरोजगारी, मंहगाई, सरकारी नौकरियां महिलाओं को एक लाख दें कर गरीब परिवारों की आर्थिकी मजबूत करने जैसे मुद्दों पर बना रहा ।
देश के बुद्धिजीवी मतदाताओं ने बीजेपी की लहर नहीं बनने दी और खामोशी से अपने छः चरणों का मतदान कर चुके हैं जिस से बीजेपी की सांसे फूलती हुई दिखाई दी है।
बीजेपी की इस लोकसभा चुनावी प्रचार में एक और बात सामने आई कि बीजेपी खर्चा भी संभल कर कर रही है जैसे पूर्व की कुछ चुनावों में खूब प्रचार प्रसार करते हुए देखा था।
देखा जा रहा है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल होने का अहसास तब हो रहा है जिस बीजेपी को आरएसएस ने बीजेपी से दूरियां बनाकर छोड़ा हुआ है और साथ में उसका परिणाम या रहा कि छः चरणों की पोलिंग में मतदाताओं का कम पोलिंग होने से हो चुका है ।
17वी लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 37.43% मतों के साथ 303 सीटें हासिल हुई थी जब पुलवामा ब्लास्ट में शाहदत पाने वाले 45 सैनिकों के नाम बीजेपी ने राष्टवाद का मुद्दा 2019 के लोकसभा चुनावों में उछाला हुआ था। वहीं कांग्रेस को 19.51% मतों के साथ 52 सीटें हासिल हुई थी।
2019 में राष्ट्रवाद का नारा ओर चुनावी मुद्दा तब बना जब पुलवामा ब्लास्ट में देश के 45 सैनिकों की शहादत को मोदी ने चुनावी मुद्दा ही नहीं बल्कि शहादत पाने वाले सैनिकों के नाम लोकसभा चुनावों को जितने के लिए वोट मांगे गए।
देश की जनता ने राष्ट्रवाद के नाम पर प्रचंड जीत के साथ बीजेपी को दूसरी बार सत्ता दे डाली थी
पहली बार 2014 में अच्छे दिनों और युवाओं को सरकारी क्षेत्रों में दो करोड़ देने के नाम से देश के युवाओं से छल किया , दूसरी बार 2019 में राष्ट्रवाद और तीसरी बार के चुनावों में बीजेपी सत्ता से बाहर होने का अहसास तब हुआ जब बीजेपी ने अबकी बार 400 पार का नारा दे कर विपक्ष ने संविधान बदलने के लिए 400 पार का नारा करार दिया।
बीजेपी को 2014 और 2019के मुकाबले इन राज्यों में सीटें कम होगी होने की पूर्ण संभावना जताई है।
राष्ट्रवाद के मुद्दे में बीजेपी की प्रचंड लहर के दौरान 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 303 सीटों के साथ बहुमत मिला और गठबंधन को 353 सीटें प्रपात हुई थी।
2024 में बीजेपी और मोदी की कोई लहर नहीं है फिर 400 पार कैसे क्या मशीनरी का कोई मैजिक ही होगा तो कुछ लिखना समझना मुश्किल होगा वरना बीजेपी सत्ता से 2024 के चुनावों में सत्ता से बाहर होती हुई दिखाई दे रही है।
उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में बीजेपी ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा हुआ था जिसमें 62 सीटें बीजेपी ने जीती हुई थी और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कर 72 सीटें एनडीए के पक्ष में रही।
बिहार की 40 सीटों में से 39 सीटें बीजेपी गठबंधन को मिली थी,
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में बीजेपी गठबंधन को 41 सीटें तब मिली थी जब शिवसेना के उद्धव ठाकरे बीजेपी के सहयोगी थे। महाराष्ट्र में उस समय बीजेपी को 25 सीटें मिली हुई थी।
पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में बीजेपी को 19 सीटें मिली थी इस बार बीजेपी को पश्चिम बंगाल में इतनी सीटें मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है।
गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश हरियाणा ,दिल्ली ,हिमाचल में 4 सीटें हैं 2014से2019तक सभी सीटें बीजेपी को मिलती हुई दिखाई दे रही है 2024 में दो दो सीटों का अनुमान लगाया जा रहा है।
हिमाचल में भी बीजेपी को नुकसान ही था है।
पंजाब की 13 सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगियों को 11 सीटें मिली थी लेकिन 2024 में ऐसा नहीं होता हुआ दिखाई दे रहा है।, तेलगाना, केरला में बीजेपी की सीटें 2019 के मुकाबले बहुत कम होने जा रही है , जिसे बीजेपी भी समझ चुकी है ।
बीजेपी की सीटें कम ही नहीं बल्कि सत्ता से भी बाहर होती हुई नजर आ रही है ।
बीजेपी सत्ता से बाहर विपक्ष नहीं बल्कि बुद्धिजीवी जनता करने जा रही है । विपक्ष मुद्दों पर लोकसभा चुनावी मैदान में डटा रहा वहीं बीजेपी देश की जनता को धर्म और जातियों में मुद्दों से भागती रही ,मंहगाई और बेरोजगारी से भागती रही।
प्रधानमंत्री मोदी जिस पद पर विराजमान है उस पद की गरिमा भी नहीं समझे कि देश की महिलाओं के मंगल सूत्र को विपक्ष छीन लेगा जैसा बयान बीजेपी को भारी पड़ेगा,अब की बार 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी पर विपक्ष ने बीजेपी को संविधान को बदलने वाला मुद्दा बनाकर बुरी तरह से वेनाकव कर दिया । विपक्ष चुनावी प्रचार में बीजेपी के उस नारे को अबकी बार 400 पार को हथियार बनाया कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है। डॉटर भीम राव आम्बेडकर का लिखा हुआ संविधान बदलना चाहती है जिस पर बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा बयान भी जारी किया था। बीजेपी की मुश्किलें विपक्ष ने बढ़ा रखी।
आज वीरवार 30 मई को देश के आम लोकसभा चुनावों के सातवे चरण की 57 संसदीय क्षेत्रों के प्रचार का आखिरी दिन है। 1 जून को मतदान होगा और 4 जून को उपरोक्त राज्यों से बीजेपी की सीटें कम होने की पूर्ण संभावना व्यक्त की जा रही है।
बीजेपी 200 के आसपास और सहयोगियों के साथ 230 से 240 के नीचे ही रहने वाली है।