सुभाष ठाकुर*******
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का निर्धारित लक्ष्य 2027 में प्रदेश आर्थिकी तंगहाली से पटरी पर लौट पाएगा और दस वर्षों 2032 में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे अमीर राज्य बन कर उभरेगा । लेकिन वर्तमान हालातों पर नजर दौड़ाई जाए तो हिमाचल प्रदेश लुगभाग 90 हजार करोड़ रुपए के कर्जतले डूबा हुआ है। कांग्रेस की दस गारंटियों में एक मात्र ओपीएस को छोड़ कर अन्य सभी गारंटियों की योजनाओं ने जमीन पर खड़ने से पहले ही योजनाओं की सांसे थम जैसी गई है।
प्रदेश की हर 18 वर्ष पूरा करने बाली महिलाओं को 1500 देने का प्रचार किया था सत्ता में आते ही चुन चुन कर इस योजना में लिया जा रहा है। लेकिन अब वह योजना भी पंचायत सत्तर पर हांफती जा रही है।
कांग्रेस ने युवाओं से हर साल एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था युवाओं ने बीजेपी के खिलाफ पेपर लीक मामले के मुद्दों से नाराज हो कर कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए एहम भूमिका निभाई थी ।लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद युवाओं को पिछले 20 महीनों से 1 लाख नौकरियों की भर्ती के इंतजार में युवाओं की उम्र निकलती जा रही है।
सरकार के द्वारा 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी हुई थी नही कर पाई पूरी।
कांग्रेस 680 करोड़ का बजट के प्रावधान की गारंटी दी हुई थी कि 10 – 10 करोड़ रुपए हर विधानसभा क्षेत्रों को आबंटित कर बेरोजगारों को कारोबार चलाने के लिए अनुदान के तौर पर दिया जाएगा। यह भी कांग्रेस की गारंटी मंशामिल था।
उच्च शिक्षा के लिए 1 प्रतिशत लोन दिया जाएगा लेकिन सरकार की मलिहालत देख कर बैंक भी इस योजना से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं । क्या ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का निर्धारित लक्ष्य पूरा हो पाएगा ?
मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते हुए पार्टी हाईकमान को दिखाए यह लक्ष्य बताया है ।
प्रदेश की आंखों में आर्थिकी बदहाली की धूल नही तो और क्या है यह । प्रदेश का युवा नीचे दी गई यह अधिसूचना देख कर हैरान हो चुका है।
एक तरफ हिमाचल प्रदेश का पढ़ लिख कर सरकारी नौकियों के टेस्ट के तैयारी में जुटा हुआ है उनके टेस्ट नही निकाले जाते ।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में भारी आर्थिकी संकट का प्रचार किया जा रहा है। लेकिन सरकार में अपनों को 30 हजार से सीधा 1 लाख 30000 हजार रुपए के वेतन की अधिसूचना जारी की जा रही है।
वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है और प्रचार किया जा रहा है कि प्रदेश आर्थिकी संकट के दौर से गुजर रहा है।
अधिसूचना को देख कर हर किसी की जुबान पर रही निकल रहा है कि अपने लोगों के नाम पैसा इक्कठा किया जा रहा है।
लेकिन पब्लिक सब जानती है ।
कांग्रेस हाईकमान द्वारा समय रहते आंखे नही खोली तो तीन राज्यों में होने जा रहे चुनावों के परिणाम पर असर जरूर पड़ेगा क्योंकि बीजेपी उन राज्यों में हिमाचल प्रदेश के उस बयान का प्रचार कर चुनावी रणनीति पर असर डालेगी। कि दो महीनों तक मुख्यमंत्री,मंत्रियों तथा मुख्यसंसदीय सचिवों द्वारा वेतन नहीं लिया जाएगा। तो फिर ये अधिसूचना क्या इशारा कर रही है?
मुख्यमंत्री तो खुद अपने निजी खाते में जमा सारी कमाई प्रदेश को विकसित करने के लिए जमा कर चुके हैं जिसका प्रचार पूरे देश में हुआ है तो फिर ये क्या अधिसूचना जारी कर डाली अधिकारियों द्वारा?
मुख्यमंत्री ने व्यवस्था परिवर्तन की बात कही है क्या सरकार के अधिकारियों द्वारा व्यवस्था परिवर्तन का जनाजा नही निकाला जा रहा है ?
सवाल दिन प्रतिदिन व्यवस्था परिवर्तन ,बेरोजगारों को रोजगार, चार सालों में प्रदेश आर्थिकी तंगहाली से पटरी पर लौटेगा और दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे अमीर राज्य बनेगा यह मुख्यमंत्री का लक्ष्य निर्धारित तब किया जब कांग्रेस हाईकमान द्वारा उन्हें प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी गई।