सुभाष ठाकुर*******
एसपीयू के नए कुलपति प्रो ललित अवस्थी ने जब से कुलपति का पदभार संभाला है बिना किसी विवादों में पड़ कर विश्वविद्यालय को बुलंदियों तक ले जाने के लिए कड़ी मेहनत में जुटे हुए हैं। विश्वविद्यालय में जिस राजनीति का खेल पिछले कुछ वर्षों से चल रहा था उसे पूर्ण रूप से विराम लगाने में कुलपति कामयाब हुए हैं विश्वविद्यालय की बेहतरी और विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्राप्त हो उस दिशा की ओर कार्य में जुटे हुए हैं।
विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 12 सितंबर को आयोजित होने जा रहा है। कुछ लोगों को दीक्षांत समारोह के महत्व की चिंता नहीं बल्कि उन्हे अपने सम्मान न मिलने की चिंता से तिलमिलाए हुए हैं।
यहां तक कि मिडिया में भी आपने सम्मान न मिलने का मामला उजागर कर विश्वविद्यालय के समारोह को राजनीतिक रंग देने का पूरा प्रयास किया गया है।
क्या है असली मामला
एसपीयू के संविधान में प्रो. वी.सी को रखने का जिक्र जरूर किया हुआ है । लेकिन मंडी एसपीयू में अभी तक प्रो.वी.सी. के पद की नियुक्त की वित्त विभाग से अनुमति ही नही है। या यूं समझें कि अभी तक इस पद की फाइनेंशियल अप्रूवल नही है।
बिना फाइनेंशियल अप्रूवल के क्या कोई पद नियुक्ति हो सकती है ?
यही खेल पूर्व की सरकार में होता रहा जिसका सामना वर्तमान काल में कई लोगों के समझ से कोसो दूर है।
एसपीयू को अभी तक स्थाई प्रो वीसी नही मिल पाया है। प्रो वीसी की नियुक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा की जा सकती है।
व्यक्ति विशेष के पीआर को यह जानकारी रहती तो दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में भी प्रो वीसी को सम्मान मिलना लाजमी था।
सरकार के वित्त विभाग से सरदार पटेल विश्वविद्यालय के प्रो.वीसी के पद को वित्तीय अधिसूचना जारी होगी तभी सरदार पटेल विश्वविद्यालय में प्रो वी. सी की नियुक्ति की जा सकती है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के कार्यक्रमों में तभी उन्हें प्रो वीसी के पद का सम्मान दिया जा सकता है।
मंडी सरदार पटेल इन्ही कारणों से विवादों में रखा गया । प्रोफेसरों की फर्जी नियुक्तियों के मामले में किस किस का सहयोग रहा सब जानते हैं । सरदार पटेल विश्वविद्यालय में किसने राजनीति चलाए रखी पूरा प्रदेश जानता है। लेकिन सरदार पटेल विश्वविद्यालय के नाम अपना व्यवसाय और अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए शिक्षा के महत्व को समझना ही नही चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने मंडी को दिया विश्वविद्यालय
शिक्षा हब की ओर बड़ रहा मंडी संसदीय क्षेत्र,
पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष की दुर्गामी सोच से यह संभव हो पाया कि मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय स्थापित कर मंडी संसदीय क्षेत्र की लाखों करोड़ों विद्यार्थियों को हमेशा इस शिक्षा के मंदिर से लाभ मिलेगा, और विद्यार्थियों का भविष्य संवरेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर को शिक्षा का हब बनाने का पूरा श्रेय रहता है और मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता ने भी दिया है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय लिए उनका बहुत बड़ा योगदान है जिसे भविष्य में कभी भुलाया भी नही जायेगा। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उनके नाम और पद का कुछ लोग गलत प्रयोग कर विश्वविद्यालय में जमकर राजनीति करते रहे प्रोफेसरों की भर्तियों में करोड़ों रुपए का खेल खेल चुके हैं ।
एवीबीपी के उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा खूब परिवारवाद को बढ़ावा दे कर भर्तियां करते रहे । एक ट्रस्ट में लाखों रूपए जमा करने वालों को विश्वविद्यालयों में भर्ती करते रहे।
एक दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम के निमंत्रण कार्ड में जिस पद को वित्त विभाग से अनुमति ही नही है , उसे प्रो वीसी के पद का दर्जें का सम्मान कैसे ? जिन्होंने पूर्व की सरकार में इस पद का क्या क्या दुरुपयोग किया सब जानते हैं ,सरकारी गाड़ियां निजी सामाजिक कार्यक्रमों तक कैसे पहुंची तब उन्हे खूब सम्मान दिया जाता रहा उस वक्त सब खामोश बैठे रहे लेकिन उनके पीआर के कार्य में व्यस्त रहे।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ललित अवस्थी बिना किसी राजनीति से विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवक्ता को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार के साथ बेहतर समन्वय बिठा कर विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ में शामिल करने के लिए कार्य कर रहे हैं ।
विश्वविद्यालय को आने वाले कुछ सालों में उच्च रैंकिंग दिलाने के लिए कड़ी मेहनत में व्यस्त हैं।
जबकि कुछ लोग व्यक्ति विशेष के लिए पीआर का काम कुलपति को राजनीतिक रंग दे कर अपना उल्लू सीधा कर पिछले कई वर्षों से व्यस्त हैं । उन में से कुछ लोग वक्त के अनुसार अपने व्यवसाय के लिए डिप्लोमेंट बन कर काम कर रहे हैं। पत्रकारिता समाज और राष्ट्र के प्रति निष्पक्षता से हो पत्रकारिता की आड़ में अपने व्यस्साय को पोषित करने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।