अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के स्थापना दिवस के कार्यक्रम से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बनाई दूरियां

सियासत की भाषा सियासी मंचों पर शामिल होना न होना और मंचों से परिपक्वता वाले नेताओं के शब्दों से कई मायने निकाले जाते हैं। कि एक तीर से कई निशाने साधे जाते हैं।

हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में देखने को मिलने लगा है कि वरिष्ठ नेताओं द्वारा सरकार के कार्यक्रमों से दूरियां बनानी शुरू होने लगी है। प्रदेश कांग्रेस सरकार और संगठन की नियुक्तियों तथा प्रदेशाध्यक्ष के पद की कश्मकश जोर पकड़ने लगी है।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के हॉलीलॉज और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कश्मकश में कांग्रेस पार्टी के लाखों समर्थकों का मनोबल दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है जिसका परिणाम सरकार के मंत्रियों के कार्यक्रमों की भीड़ से लगाया जा सकता है।

कांग्रेस हाइकमान कांग्रेस संगठन को वक्त रहते पार्टी संगठन में अनुभवी और लोकप्रियता वाले चेहरे सामने नहीं आए तो आने वाले दिनों में हिमाचल से कांग्रेस की मुश्किलें बहुत बढ़ने वाली है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़ा दूसरे नंबर का मंडी जिले को हर क्षेत्र में हाशिए पर धकेला जा चुका है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह इंसानियत के नाते मंडी जिले की दुर्गम क्षेत्र चौहार घाटी के बरोट के राजवान तेरंग गांव के दस लोगों की मौत हुई चार माह बीत गए लेकिन  संवेदना व्यक्त करने के लिए 10 मिनट का समय नहीं निकाल पाए।

यही कारण है कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कार्यक्रमों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पार्टी समर्थकों ने भी सरकार के मंत्रियों के कार्यक्रमों से दूरियां बनानी शुरू कर डाली है।

बीते दिन 20 नम्बर को मंडी में

एनपीएस के अध्यक्ष से  प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेता प्रदीप ठाकुर ने 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविन्दर गोमा ने की। लेकिन कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री पूर्व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह , पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर, चेतराम ठाकुर, पवन ठाकुर मंडी जिले के दस प्रत्याशियों में से मात्र प्रत्याशी पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, चम्पा ठाकुर और जीवन ठाकुर शामिल रहे।

पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह जैसे दिग्गज नेताओं का सरकार के कार्यक्रमों से दूरियां बनाना प्रदेश सरकार और पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं रहने वाला है।

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मंडी जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं का शामिल न होना प्रदेश सरकार के लिए संकट के बादल मंडराने के बराबर है। भले ही यह सभी नेता अपने विधानसभा चुनाव हारे हुए हैं लेकिन हार के मार्जिन कई हजारों में नहीं बल्कि वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह मात्र 619 मतों से हारे हुए हैं 36 हजार लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ है।

अराजपत्रित महासंघ के 59वे  स्थापना दिवस की अध्यक्षता युवा खेल मंत्री यादविंदर गोमा ने करते हुए अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भलीभांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों को लम्बित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लम्बित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपये भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।

 

उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने भी अपने विचार रखे

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि महासंघ हमेशा कर्मचारियों के हित में कार्य कर रहा है तथा समय-समय पर कर्मचारियों की समस्याओं के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि पूर्व कर्मचारियों की कुर्बानियों को हमें हमेशा याद रखना है। उन्होंने महासंघ की ओर से प्रदेश सरकार को एक मांग पत्र भी प्रस्तुत किया।

महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एसएस जोगटा, सहित अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव भरत कुमार शर्मा, मुख्य सलाहकार शमशेर ठाकुर, उप प्रधान राणो राम, जिला मंडी के अध्यक्ष लेख राज सहित जिला सिरमौर के अध्यक्ष राम चंद्र कपूर, सोलन के जिलाध्यक्ष मनजीत, हमीरपुर के अध्यक्ष अशोक ठाकुर, कांगड़ा के राजेन्द्र मन्हास ने भी अपने-अपने जिला की ओर से मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा अपनी समस्याएं रखी।

कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस के सचिव जीवन ठाकुर, महेन्द्र ठाकुर, सदर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष योगेश पटियाल, कार्यालय सचिव राज ठाकुर, एस.सी. सैल के अध्यक्ष जितेन्द्र कौंडल सहित अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश के सभी जिलों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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