सुभाष ठाकुर*******
दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणाम आते हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों पर पड़ी हुई ठंडी बर्फ पिघलने वाली है। कांग्रेस हाइकमान हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी को देखते हुए जिला और ब्लॉकआध्यक्षों की नियुक्ति होते ही कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के अखाड़े में तब्दील नजर आएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ राष्ट्रीय सचिव से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों के जिला और ब्लॉकआध्यक्षों की नियुक्तियां की जाएगी। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी पार्टी का आला नेतृत्व कर देगा।
कांग्रेस हाइकमान प्रदेश की गुटबाजी को विराम लगाना चाहती है तो सर्वप्रथम प्रदेश कांग्रेस संगठन के अध्यक्ष के नाम की घोषणा करनी होगी वरना हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व पर खतरा मंडराता हुआ दिखाई देने लगा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रदेश सरकार की माली हालत ऐसी हो चुकी है कि प्रदेश में हर तरफ कमजोर आर्थिकी की चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ है।
चर्चा यह भी है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बातें ब्यूरोक्रेट्स भी अनसुना करते हुए दिखाई देने लगे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार की कमजोर आर्थिकी देश के अन्य राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी को चुकाना पड़ा है। हिमाचल सरकार की कमजोर आर्थिकी का प्रचार विपक्ष में बैठी भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में खूबभूनाया और उसका सीधा असर कांग्रेस पार्टी को चुकाना पड़ा है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार की किसी भी योजनाओं का प्रचार पार्टी के नेताओं और मंत्रियों द्वारा न करने से कांग्रेस सरकार और पार्टी के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो चुके हैं।
कांग्रेस आलाकमान को चाहिए कि कांग्रेस पार्टी को छोटे छोटे राज्यों में बचाए रखने के लिए राज्यों के उन वरिष्ठ नेताओं को संगठन की जिम्मेवारी सौंपी चाहिए जिस वरिष्ठ नेता के साथ प्रदेश की जनता खड़ी हो सकती है । घरों में बैठ चुके पार्टी के समर्थकों और नेताओं को जमीन पर उतारने वाले नेताओं को संगठन की जिम्मेवारी जल्द नहीं सौंपी तो हिमाचल से कांग्रेस दिन प्रति दिन कमजोर ही होती रहेगी।