धन्य है जिला मंडी प्रशासन , अवैध खनन को रोकने पर SDM पर हमला होने के बावजूद भी व्यास नदी में खुलेआम टीपर से मलबा कैसे फेंकने दिया जा रहा है।
एनजीटी तथा अन्य विभागों के नाक के नीचे मलबे को खुलेआम व्यास नदी में बहाया जा रहा है।
व्यास नदी में इस तरह जगह जगह फोरलेन सी निकाले जा रहे मलबों को प्रशासन की मिलीभगत से व्यास नदी किनारे डंप करवाया जा रहा है ।
यह सब जानते हुए कि बरसात में व्यास नदी के उफान से यह सारा डंप किया हुआ मलबा व्यास की तेज रफ्तार में बह जाएगा बजबजूद मलबे को पार्किंग के नाम से मलबा व्यास नदी किनारे बिछाया जा रहा है । व्यास नदी की मछलियों के अस्तित्व को भी प्रशासन।की लापरवाही तथा मलबे की ऐसे अवैध डंपिंग करने से नदियों से मछलियों का जिंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।
क्या जिला प्रशासन खुद एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़कर पर्यावरण तथा नदियों को प्रदूषित कर नदियों में पाई जाने वाली मछलियों तथा अन्य जलचर जीवों के अस्तित्व को मिटाना चाहता है?
कहीं जिला प्रशासन ने अपने हाथ पीछे तो नहीं खींचे, जब से अवैध खनन को रोकने पर एसडीएम पर जान लेवा हमला हुआ था। पुलिस विभाग की तरफ से बयान आया कि एसडीएम ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दे कर अकेले अवैध खनन पर कार्यवाही करने निकले तो वहीं एसडीएम से मिले कुछ लोगों द्वारा बताया कि एसडीएम ने पुलिस को फोन कर सूचित किया हुआ था।
मामला राजनीतिक शरण में जाता हुआ भी दिखा जिसका परिणाम पडल गुरुद्वारे के नीचे व्यास नदी m मलबे को खुलेआम फेंका जा रहा है । वहीं विक्टोरिया पुल के साथ बने हुए बड़े पुल के किनारे पर भी पार्किंग के नाम पर मलबा फेंका जा रहा है।