हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय ने गोविंद सागर और व्यास नदी में गैर कानूनी तरीके से मलवा को डंपिंग करने पर कड़ा संज्ञान लिया था l लेकिन अब समय आ गया है कि इसी प्रकार की कार्यवाही मंडी जिला की सुकेती नदी के किनारे हो रहे गैर कानूनी निर्माण और मलवा डंपिंग के खिलाफ़ भी करने की आवश्यकता है l
सुकेती नदी के दोंनो तरफ के तटों पर रात दिन विना किसी रोक टोक के भवनों का निर्माण हो रहा है तथा हजारों टन मलवा की डंपिंग की जा रही है l मंडी का प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोया है l लगता है भूमि माफ़िया ने पूरे प्रशासन को हाइजैक कर दिया है l इसलिए उच्च न्यायालय को ही इस में स्वतः ही संज्ञान लेने की आवश्यकता है l
ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेश के बाद प्रदेश के राज्यपाल ने हर जिले के लिए अतिरिक्त दंडाधिकारी की अध्यक्षता में एंटी डंपिंग कमेटी का गठन किया है जिस में लगभग एक दर्जन अधिकारियों को भी सदस्य बनाया गया है l लेकिन सब के सब अंधे,गूंगे और बहरे हो कर अपना समय बीता रहे हैं l प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, जो गुटकर में बैठते हैं तथा इस कमेटी के सदस्य हैं, उन के अपने कार्यालय के सामने का दृश्य नीचे चित्र में दिया गया है l इस प्रकार के अधिकारियों का क्या इलाज किया जा सकता है ?
सूत्रों से पता चला है कि एक भू -माफ़िया ने तो छोटी काशी में स्थित “नरसिंह देवता” के दरबार में सूखना कर रखी है कि यदि NOC मिल गया तो 5 लाख रुपये और एक देशी मुर्गा दरबार में अर्पण करूँगा l लेकिन अभी तक शायद कामना पूरी नहीं हुई है l
हमारी नज़र देवता के दरबार पर टिकी है l देखते हैं किस दिन मन्नत पूरी होगी और NOC का सपना पूरा होगा l
जिस कदर प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है , उस से तो लगता है कि अगली बरसात में “ख्वाजा महाराज” खुद ही Balh घाटी में NOC देने के लिए प्रकट होंगे l