32 वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के पश्चात प्रो० (डॉ०) हेमराज राणा आज सह-आचार्य भूगोल के पद से
वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी से सेवानिवृत्त हो गए।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार द्वारा प्रोफेसर राणा के सम्मान में आज एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया । जिसमें कार्यवाहक प्राचार्य डॉ० रविंदर कुमार तथा वरिष्ठ प्रवक्ताओं ने प्रोफेसर राणा व इनके परिवारजनों को सम्मानित किया।
22 अप्रैल 1967 को गाँव बटयाणा, डा० मराथू , तहसील सदर, जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश में श्रीमती रुकमणी देवी
एवं श्री तेज सिंह ठाकुर के घर जन्मे हेमराज राणा एक अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ कवि एवं कुशल समाजसेवी भी है। प्रोफेसर राणा के विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में एक दर्जन से अधिक शोध पत्र व चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनके दो काव्य संग्रह हिंदी व पहाड़ी भाषा में प्रकाशन हेतु प्रेषित हैं। राजकीय माध्यमिक पाठशाला ननावां से माध्यमिक उत्तीर्ण करने के पश्चात 1982 में विजय हाई स्कूल मंडी से मैट्रिक पास की। वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी से स्नातक भूगोल (ऑनर्ज) करने के दौरान वर्ष 1985-86 में बी० ए० त्रितीय वर्ष के छात्र रहते मात्र 18 वर्ष की आयु में केंद्रीय छात्र संघ के चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत हासिल कर छात्र राजनीति की शुरुआत की। राणा को एक ओजस्वी वक्ता के रूप में जाना जाता है। सीएससीए के उपाध्यक्ष रहते 1985 अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के तहत वल्लभ इनके नेतृत्व में राजकीय महाविद्यालय मंडी से NSS के 50 स्वयंसेवक छात्रों के दल को नेपाल भ्रमण करवाया तथा काठमांडू से दार्जिलिंग 10 दिवसीय ट्रैकिंग एक्सपीडिशन सफलतापूर्वक पूर्ण कर 350 किलोमीटर की दूरी तय की।
1988 में स्नातकोत्तर भूगोल डी०बी०एस० कालेज देहरादून
से उत्तीर्ण करने के पश्चात 1991 में हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड से पी०एच०डी० भूगोल एवं स्नातकोत्तर समाजशास्त्र भी की।भूगोलवेता होने के नाते इनके कई समसामयिक विषयों पर लेख विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं। प्रोफेसर हेमराज राणा जियोग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश आजीवन सदस्य हैं तथा पूर्व में उपाध्यक्ष रहे हैं। राणा द गोआ जियोग्राफर्ज एवं एसोसिएशन ऑफ पंजाब जियोग्राफर्ज के भी आजीवन सदस्य हैं।
प्रोफेसर राणा ने अध्यापन कार्य की शुरुआत वर्ष
1993-94 में राजकीय महाविद्यालय संजौली शिमला से की तत्पश्चात वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी, पालमपुर, सुजानपुर, कुल्लू, दरंग, हरिपुर मनाली, नालागढ़, ऊना तथा राजकीय महाविद्यालय बरोटीवाला सहित दस महाविद्यालयों में अपनी सेवाएं दी हैं।
प्रोफेसर राणा ने हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विषय पर यूजीसी द्वारा प्रायोजित एक अनुसंधान परियोजना भी पूर्ण की है।
प्रोफेसर राणा एम० फिल० छात्रों के शोध पर्यवेक्षक रहे हैं तथा वर्तमान में भी दो शोधकर्ताओं को पी०एच०डी० करवा रहे हैं। प्रोफेसर राणा की समाजसेवी सोच इसी बात से परिलक्षित होती है कि इन्होंने वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी में भूगोल विभाग के विद्यार्थियों के लिए अपने स्वर्गीय माता-पिता की स्मृति में “रुकमणी देवी एवं ठाकुर तेज सिंह स्मृति वार्षिक छात्रवृत्ति” प्रायोजित की है जिसमें 5000 रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है। इसके साथ ही इन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ननावां के भवन निर्माण हेतु एक बिघा मलकीयत जमीन दान दी है तथा जलशक्ति विभाग के जल भंडारण टैंक हेतु भी आधा बिघा जमीन प्रदान की है।
प्रोफेसर हेमराज राणा की पत्नी कुमारी किरन जहां एक कुशल गृहिणी है वहीं बड़ा बेटा अमन एमबीबीएस डॉक्टर है। छोटा बेटा हिमांशु राणा बॉलीवुड में एक्टिंग में अपना भाग्य आजमा रहा है। हिमांशु मुंबई में हिमांशु राणा ने एक वर्ष के अपने छोटे से फिल्म कैरियर में अभी तक 11 प्रोजेक्ट्स में काम किया है जिनमें ऐड, वैबसीरीज, टीवी सीरियल तथा फिल्म शामिल है जिसमें शाहरुख खान की ब्लाकबस्टर फिल्म “जवान” प्रमुख है।
प्रोफेसर हेमराज राणा ने बताया कि वे अपना आगामी जीवन समाज सेवा में व्यतीत करेंगे।