अमर ज्वाला //शिमला
स्वच्छ जल जीवन का आधार है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के अढ़ाई वर्षों में लोगों को घर-द्वार के निकट स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रदेश की पेयजल अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए महत्त्वाकांक्षी परियोजनाएं निर्मित की जा रही हैं। यह परियोजनाएं लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने में सहायक साबित हो रही हैं।
सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इस वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में लाहौल-स्पीति के लिए 27 करोड़ रुपये की लागत से 20 पेयजल आपूर्ति योजनाओं और किन्नौर जिला में 72 करोड़ रुपये की लागत से 6 पेयजल आपूर्ति योजनाओं का काम शुरू किया जाएगा। इन पेयजल योजनाओं में एंटी फ्रीज पाइपों का प्रयोग किया जाएगा। इस वर्ष नादौन, भोरंज, अमलैहड़ और हरोली में 4 पेयजल आपूर्ति योजनाओं और बद्दी में एक सीवरेज स्कीम का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी पेयजल परियोजनाओं को मजबूत किया जा रहा है। प्रदेश में 298 करोड़ 87 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मंडी, ठियोग, चंबा, हमीरपुर, डलहौजी और पालमपुर जैसे 17 नगरों में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें से 11 नगरों में पेयजल योजनाओं के कार्य प्रगति पर है और शेष शहरों में वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान कार्य शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त भंूतर, नाहन, ज्वाली, अर्की, निरमंड, जोगिन्द्रनगर, शाहपुर, भटियात और करसोग में 167 करोड़ रुपये की पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले के एक क्षेत्र को सप्ताहभर पेयजल आपूर्ति प्रणाली के तहत चिन्हित किया है। इनमें से विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत रामपुर और चंबा में भूमिगत जलापूर्ति योजना तथा नालागढ़, घुमारवीं और नादौन में उठाऊ पेयजल आपूर्ति योजना के कार्य प्रगति पर हैं। 23 शहरों में जलापूर्ति योजनाओं के उन्नयन कार्य प्रगति पर हैं। इस वित्त वर्ष 9 परियोजनाओं के कार्य शुरू किए जाएंगे। नेरवा चिड़गांव, कंडाघाट और टाहलीवाल की पेयजल परियोजनाओं के उन्नयन प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
घर-द्वार के निकट जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एनडीबी द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पेयजल उन्नयन परियोजना के तहत प्रदेश सरकार 745 करोड़ रुपये की लागत से 8 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 20 हजार 663 घरों तक बेहतर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। यह परियोजना एनडीबी और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है, जिसमें राज्य सरकार 148 करोड़ रुपये व्यय करेगी। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पेयजल उन्नयन एवं आजीविका परियोजना के तहत लगभग 1 हजार 62 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 10 जिलों की 2,471 बस्तियों में 79,282 घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) लगाने का 43 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
राज्य सरकार ने प्रथम चरण में 80 करोड़ रुपये के व्यय के साथ 200 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। योजना के तहत ओजोनेशन, यूवी फिल्टरेशन, आरओ और नैनो फिल्टरेशन जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर जल शोधन कर लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इससे जल जनित बीमारियों में कमी आएगी और जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।
इसके अतिरिक्त, इस वित्त वर्ष के दौरान कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी, जसवां, प्रागपुर और देहरा में 43 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल उपचार संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के 10 जिलों में 291 योजनाओं में सेंसर आधारित सिस्टम लगाए जा रहे हैं। पेयजल की शुद्धता की जांच के लिए एक राज्य स्तरीय और 14 जिला स्तरीय एनएबीएल-मान्यता प्राप्त जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। अब तक प्रदेश में कुल 71 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
इसके अलावा हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हिमऊर्जा के माध्यम से जल आपूर्ति, सीवरेज और सिंचाई योजनाओं में सौर पैनल लगाए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश के छः नगरों में सीवरेज परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है तथा 2025-26 में पांच और शहरों में नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 41 सीवरेज योजनाओं को मंजूरी दी गई है और कांगड़ा, मंडी, चंबा और किन्नौर के 14 कस्बों में सीवरेज योजनाओं का कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रदेश सरकार के यह प्रयास हर नागरिक को स्वच्छ पानी और बेहतर स्वच्छता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं। सरकार के यह कदम हिमाचल प्रदेश को सतत विकास और जन कल्याण का मॉडल राज्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सेहत के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होने दी जा सकती और प्रदेश सरकार राज्यभर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के अढ़ाई वर्षों में प्रत्येक घर को सीवरेज सुविधा प्रदान करने व प्रदेश को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नवोन्मेषी कदम उठाए हैं ताकि स्वच्छ एवं हरित हिमाचल के सपने को साकार किया जा सके।