सुखाश्रय योजना के तहत चौंतड़ा ब्लॉक के 22 अनाथ बच्चों को वितरित किये पात्रता प्रमाणपत्र

*सुखाश्रय योजना के तहत चौंतड़ा ब्लॉक के 22 अनाथ बच्चों को वितरित किये पात्रता प्रमाणपत्र*

*चौंतड़ा ब्लॉक में 49 अनाथ बच्चों की हुई है पहचान, उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 6 बच्चों का मामला स्वीकृति हेतु भेजा*

*योजना के तहत घर बनाने व शादी करने को मिलेगी धनराशि, उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का खर्च भी वहन करेगी सरकार*

*जोगिन्दर नगर, 01 दिसम्बर-* हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के तहत आज एसडीएम कार्यालय जोगिन्दर नगर में एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा ने 22 पात्रता प्रमाणपत्रों का वितरण किया। जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चौंतड़ा ब्लॉक में कुल 49 ऐसे निराश्रित व अनाथ बच्चों की पहचान की गई है जिनके माता पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार ने चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा प्रदान कर अब सरकार ही अभिभावक की भूमिका निभाएगी। उन्होने कहा कि शेष बच्चों को भी जल्द इन प्रमाण पत्रों का वितरण कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर उपस्थित लाभार्थियों को संबोधित करते हुए एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के माध्यम से न केवल इन निराश्रित व अनाथ बच्चों को सरकार पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी बल्कि शादी व मकान बनाने के लिए धनराशि भी मुहैया करवाएगी। इसके अतिरिक्त उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा हासिल करने वाले निराश्रित व अनाथ बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करेगी। उन्होने बताया कि इस योजना के तहत चौंतड़ा ब्लॉक में ऐसे कुल 49 निराश्रित व अनाथ बच्चों की पहचान की जा चुकी है तथा उनमें आज लगभग 22 पात्र बच्चों को पात्रता प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के माध्यम से अब इन सभी पात्र अनाथ बच्चों को जहां सरकार की ओर से पर्याप्त आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा मिलेगी तो वहीं वे भी समाज में आत्मनिर्भर और आर्थिक तौर पर सशक्त बनकर एक बेहतर जीवन यापन कर सकें इस दृष्टिकोण से भी उनकी मदद की जाएगी। उन्होने बताया कि 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए बच्चों को कानूनन विवाह करने पर 2 लाख रुपये की धनराशि मुहैया करवाई जाएगी। साथ ही किसी भी प्रकार का स्वरोजगार शुरू करने के लिए सरकार की ओर से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त 27 वर्ष की आयु से पहले जो बच्चा अनाथ हो गया है और भूमिहीन है उन्हें मकान निर्माण को सरकार की ओर से तीन बिस्वा जमीन भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
एसडीएम ने कहा कि जो बच्चे उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनकी शिक्षा का संपूर्ण खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। साथ ही अध्ययन के दौरान प्रति व्यक्ति चार हजार रुपये प्रतिमाह व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए भी सरकार की ओर से दिये जाएंगे। उन्होने बताया कि चौंतड़ा ब्लॉक में कुल 6 ऐसे पात्र बच्चों के मामलों को स्वीकृति हेतु सरकार को भेजा गया है जो उच्च व व्यावसायिक शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
उन्होने सभी बच्चों से सरकार की इस योजना का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान किया है ताकि वे आने वाले समय में स्वयं के पैरों में खड़े होकर आर्थिक व सामाजिक तौर सशक्त हो सकें। उन्होंने बच्चों के सिर से माता-पिता का सहारा मिट जाने को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया। उन्होने कहा कि इस अपूर्णीय क्षति को पूरा तो नहीं किया जा सकता है लेकिन प्रदेश सरकार ने उनके भविष्य की चिंता करते हुए इस योजना को लागू किया है। उन्होने सभी पात्र बच्चों से पूरी लग्न व कड़ी मेहनत के साथ स्वयं को पुन: स्थापित करने का आह्वान किया ताकि वे भविष्य में दूसरों पर आश्रित न रहें।
इससे पहले सीडीपीओ चौंतड़ा बीआर वर्मा ने मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना की विस्तृत जानकारी रखी।
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