कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति मजबूत नेतृत्व की तलाश में हाइकमान

सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की नियुक्ति को लेकर आलाकमान के सामने एक बड़ी चुनौती है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस दो गुटों में विभाजित की सूचना अभी से नहीं बल्कि पहले से है।

प्रदेश कांग्रेस का संगठन एक पद पर प्रदेशाक्ष प्रतिभा सिंह को अकेले पिछले सात महीनों से कमेटियां भंग कर रखी हुई है।

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी भी बदल दिए और प्रदेश कांग्रेस प्रभार राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को प्रदेश का प्रभार दूसरी बार सौंपा हुआ है।

प्रभारी रजनी पाटिल भी इस बार संगठन को लेकर पशोपेश की स्थिति में तब फंस चुकी है कि आते ही पहले तो मीडिया में बयान जारी कर बैठी कि 15 दिनों के भीतर कमेटियां घोषित कर दी जाएगी। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी प्रभारी रजनी पाटिल कमेटियों के बीच पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष के नाम सुलझाते सुलझाते पशोपेश में तब फंसी हुई है कि हिमाचल प्रदेश में जो स्थिति कांग्रेस सरकार की केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा वित्तीय बंदिशों में उलझा रखी हुई है जिससे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी खुलकर हुई है महज मित्रों की सरकार बनने की खूब चर्चा राज्य में हो रही है।यह फीडबैक प्रभारी रजनी पाटिल को मिल चुकी है । जिसके चलते पार्टी के नए  प्रदेशक्ष का नाम पर तभी मोहर लगाई जाएगी जो सरकार और संगठन का अनुभव रखते हों आपसी समन्वय बैठने में सक्षम हो ऐसे नेता पर मोहर लगाई जाएगी जिसमें जाती धर्म नहीं बल्कि क्षेत्रवाद का ध्यान जरूर रखा जा सकता है।

पार्टी के भीतर एक गुट की सत्ता और संगठन पर हावी होने की स्थिति से पार्टी के समर्थकों और नेताओं में और अधिक नाराजगी बढ़ते ही पार्टी में विस्फोट की स्थिति पैदा हो सकती है। आलाकमान राज्य के नेताओं की राजनीति से बखूबी अनुभव रखते हैं। कि यदि एक ही गुट को सत्ता और संगठन की कमान सौंपी गई तो पार्टी की स्थिति और खराब हो सकती है,और आलाकमान तक कोई भी नहीं पहुंचेगा ।

*बॉक्स*

हिमाचल कांग्रेस के लिए सबसे अधिक जरूरी प्रदेश का सबसे बड़ा दूसरा जिला मंडी को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस आलाकमान को चाहिए कि प्रदेश कांग्रेस की मजबूती के लिए मंडी जिला से अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की कमान दी जाए को कांग्रेस सरकार रिपीट कर सकती है।

पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्षों का मानना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है। पार्टी के अधिकांश अनुभवी नेताओं और पूर्व मंत्रियों का मानना यह है कि प्रदेश कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह और कुलदीप सिंह राठौर जैसे नेताओं के नाम चर्चा पर विचार आलाकमान को विचार करना चाहिए ।जो पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर पहचानते हैं और उनकी समर्पित भावना को समझते हैं।

पार्टी की वर्तमान स्थिति बहुत नाजुक है, और आलाकमान को यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी के अन्य नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो। यदि पार्टी की कमान एक ही गुट के हाथों में सौंपी गई तो पार्टी में बिखराव की स्थिति बन सकती है।

आलाकमान को यह भी जानकारी है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में उन्होंने अपने करीबी मित्रों की नियुक्तियां बोर्डों और निगमों के एहम पदों पर की हुई है, जिसके चलते प्रदेश में अन्य नेताओं में खासी नाराजगी भी है। पार्टी अध्यक्षा प्रतिभा सिंह ने बार-बार मीडिया में बयान दिया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री तथा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कई बातों से अवगत करवा चुकी हूं , कि संगठन के नेताओं को सरकार के बोर्डों और निगमों के पदों पर जिम्मेदारियां सौंपी जाएं।

आलाकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह पार्टी के भीतर संतुलन बनाए रखे और मजबूत नेतृत्व की तलाश करना है । आलाकमान को यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी के लाखों समर्थकों और हजारों नेताओं की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।

 

*संभावित नाम*

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश कांग्रेस की कमान इन नेताओं के नाम पर मोहर लगाना चाहते हैं।

विनोद सुल्तान, संजय अवस्थी, सुरेश कुमार, और अनिरुद्ध सिंह जैसे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन आलाकमान को लगता है कि इन नेताओं के हाथों में संगठन की कमान सौंप दी गई तो पार्टी के कई वरिष्ठ ओर कनिष्ठ नेताओं के साथ लाखों समर्थकों की अनदेखी होते ही पार्टी में विस्फोट की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ भी यही स्थिति मुख्यमंत्री के करीबियों का मानना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पसंद का राज्य कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया गया तो सरकार को स्थिर करने का प्रयास दूसरे गुट द्वारा भी किया जा सकता है। उन सभी चर्चाओं से राज्य पार्टी प्रभारी रजनी पाटिल आलाकमान को सूचित कर रही हैं।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की नियुक्ति एक बड़ी चुनौती है, और आलाकमान को मजबूत नेतृत्व की तलाश करनी होगी जो पार्टी के भीतर संतुलन बनाए रख सके और पार्टी के समर्थकों और नेताओं की आकांक्षाओं को पूरा कर सके।

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