NHAI की मनमानी , विधवा महिला और बेटी की नहीं हो रही सुनवाई
मंडी -पधर के बीच बनाई हुई संघर्ष समिति प्रभावित परिवारों की समस्याओं को लेकर खामोश क्यों ?
क्या संघर्ष समिति के पदाधिकारी की समस्याओं का समाधान पूरा हो चुका है ?
सुभाष ठाकुर*******
मंडी से पधर तक फोरलेन निर्माण की अवैज्ञानिक कटिंग से स्थानीय लोगों के घरों की नीवें हिलाई ही नहीं बल्कि घरों में दरारें आने लगी है।
NHAI के अधिकारी drang की पुरानी पुलिस चौकी के समीप स्वर्गीय हेमराज शर्मा की पत्नी माया देवी और उनकी बेटी प्रियंका नैशनल हाइवे अथॉर्टी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के पास बार बार गुहार लगा रहे हैं कि उनके घर के लिए खतरा फोरलेन की कटिंग होने के कारण बना हुआ है । घर की सुरक्षा के लिए एक डंगा लगा कर घर गिरने से बचाया जा सकता है। लेकिन विधवा महिला और उनकी बेटी प्रियंका की किसी ने कोई सुनवाई नहीं की ।
NHAI के अधिकारियों से शिकायत करने के लिए जब भी कोई पीड़ित परिवार अपनी शिकायत के लिए जाते हैं तो उसने NHAI अधिकारियों के द्वारा साफ इनकार किया जा रहा है।
मामला Drang पुलिस चौकी के सामने स्वर्गीय हेमराज शर्मा की पत्नी माया देवी और उनकी पुत्री प्रियंका शर्मा का कहना है कि NHAI द्वारा फोरलेन कटिंग करने से उनके घर के लिए खतरा बना हुआ है।
प्रियंका शर्मा ने मीडिया को बताया है कि उनके घर के पास अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ी की कटिंग कर उनके घर में दरारें पड़ चुकी है। जब NHAI के अधिकारियों को उन्होंने समस्या बताई कि आप उनके घर के लिए सुरक्षा दीवार लगा कर घर को गिरने से बचाया जा सकता है ।उन्होंने कहा कि कम्पनी ने साफ इनकार किया और बोले कि इसमें बहुत पैसा खर्च होगा।
जिला प्रशासन को मामले पर त्वरित संज्ञान लेना चाहिए कि घर के पास NHAI द्वारा कर्टिंग कर किसी के घर के को गिराने के लिए ऐसे कैसे छोड़ा जा सकता है?
सवाल यह है कि मंडी – पठानकोट फोरलेन निर्माण से पूर्व दर्जनों लोगों के संगठित बीजेपी और कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए सभी ने एक संघर्ष समिति का गठन किया हुआ है। कि फोरलेन भूमि अधिग्रहण में प्रभावितों को फैक्टर दो लागू करने पर चारगुणा मुआवजा दिलाए जाएगा या मिलना चाहिए।
जैसे ही मंडी पठानकोट फोरलेन मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हुआ संघर्ष समिति के कुछ लोग अपनी ठेकेदारी के संघर्ष में व्यस्त हुए और आज जो हालत पनप चुके हैं कि फोरलेन निर्माण से लोगों के आशियानों के उजड़ने की बारी आन पड़ी है ।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की आवाज अपने करोड़ों रुपए की ठेकेदारी में दब चुकी है।
आज सुबह अमर ज्वाला मीडिया संस्थान के एक मोबाइल नंबर पर एक लड़की का रोते हुए फोन आया कि सर हमारे घर को बहुत खतरा बन चुका है , हमारा पुराना घर फोरलेन निर्माण में चला गया है ।पुराने घर का जो मुआवजा मिला सारा पैसा नए घर के निर्माण में लगा चुके हैं। पिता जी स्वर्गवास हो चुके हैं माता जी के साथ मिलकर घर का निर्माण किया हुआ है। NHAI ने फोरलेन निर्माण के दौरान हर जगह पहाड़ियों की कटिंग अवैज्ञानिक तरीके से 90 डिग्री में की हुई है जिससे पहाड़ियां बरसात में धंसने लगी है । उनके घर नए घर में दरारें आ चुकी है।NHAI वाले डंगा लगाने से इंकार कर रहे हैं बोला कि बहुत पैसा लगेगा
फोरलेन निर्माण के लिए की हुई कटिंग से ऊपर वाले क्षेत्र के सभी घरों की नीवें हिला कर रखी हुई है किसी के घरों में दरारें आई हुई किसी के घर गिरने वाले हैं।
रोते हुए लड़की बोली सर NHAI के अधिकारियों को बोलें की उनके घर के नीचे डंगा लगाकर उनका घर बचा लें।
सवाल यह है कि फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को इसी लिए चुना हुआ था कि पीड़ितों की आवाज बन कर सरकार और प्रशासन से मांग कर समस्याओं का समाधान किया जाए।यहां तो संघर्ष अपनी ठेकेदारी तक सीमित हो चुका है
और चुने हुए विधायकों तथा जिला प्रशासन को चाहिए कि NHAI के अधिकारियों को सख्ती से निर्देश देने चाहिए कि किसी के आशियानों को फोरलेन की कटिंग के से नहीं होना चाहिए ।किसी का नुकसान होता है तो NHAI को देय होना चाहिए
कटिंग का क्या पैमाना होना चाहिए सभी जानते हैं । लेकिन न ऐसे वक्त फोरलेन निर्माण से होने वाले पीड़ित परिवार के साथ आगे कोई क्यों नहीं आना चाहता है ? क्या फोरलेन संघर्ष समिति का संघर्ष का उल्लू सीधा हो चुका है ? या फिर पीढ़ियों की समस्याओं का निवारण किया जा रहा है
।