प्रदेश सरकार क्रिप्टो मामले की जांच में किस किस को बचाने की तैयारी में ?
सुभाष ठाकुर*******
नेता प्रतिपक्ष ने महादेव एप घोटाले के तार हिमाचल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को क्या खींचा कि सरकार में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने क्रिप्टो करंसी मामले में पलटवार कर हुए बोले कि क्रिप्टो जांच कहीं और ही पहुंच जाए।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बिना नाम लिए तो यह बोल दिया कि क्रिप्टो की जांच कहीं और पहुंच जाए , यानी ये इशारा किया गया कि पूर्व में बीजेपी की सरकार में हुए इस फर्जीवाड़े में कई नेता और पुलिस ,अधिवक्ता, पार्टी के पदाधिकारी , कई विभागों के अधिकारी ,सेवा निवृत अधिकारियों के नाम एसआईटी जांच में सामने आ चुके हैं ,उपमुख्यमंत्री के इस इशारे से यह भी साफ होता है कि महादेव महादेव होती रही तो मामला बीजेपी नेताओं को जोड़ दिया जायगा।
उपमुख्यमंत्री को चाहिए कि जो क्रिप्टो के मामले में एसआईटी जांच में पाए गए हैं सभी के नाम भी सार्वजनिक किए जाए अनियथा उपमुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की जनता में यह संशय बना दिया है कि प्रदेश सरकार कई लोगों के नामों का खुलासा नहीं करेगी , विपक्ष को ऐसे बयान जारी कर क्रिप्टो के नाम डराया करेगी।
उपमुख्यमंत्री बोले क्रिप्टो के तार कहीं और न जुड़ जाए। मतलब साफ है कि एसआईटी द्वारा क्रिप्टो के कई गुनहगारों को सरकार के हस्तक्षेप से बचाया जा रहा है।
एसआईटी की जांच होने दें ताकि बाद में यह न बोले कि जांच चल रही है। माननीय न्यायलय में जब एसआईटी का चलान पेश हो जायेगा । मामले में कौन कौन पाए गए यह एसआईटी द्वारा न्यायलय में चलान पेश होने के बाद ही मालूम होगा कि फर्जी क्रिपटो करंसी के मामले कौन कौन शामिल था। अमर ज्वाला ने ही सबसे पहले फर्जी क्रिप्टो की ठगी का मामले का भांडा फोड़ किया हुआ है। आए दिन जो समाचार आ रहे है वहां भी आम जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है क्रिप्टो के 2300 करोड़ रुपए की ठगी के मामले से एसआईटी द्वारा ध्यान भटका कर कई अन्य शिकायतों में उलझाया जा रहा है । फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम 210 करोड़ के लेनदेन का एक अन्य मामला सामने आया हुआ है जिसमे एसपी मंडी द्वारा प्रेस वार्ता कर कहा है कि 70 करोड़ की देनदारी बकाया है जिसमें फॉरेक्स से जुड़े हुए लोगों द्वारा लोगों के पैसे फर्जी ट्रेडिंग एम फंसाए हुए हैं । मामला यह नहीं कि 2300 करोड़ क्रिप्टो की फर्जी ठगी और 210 करोड़ रुपए की फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम लोगों से ठगी होती रही जिसमे आम लोग ही शामिल नहीं बल्कि सबसे अधिक नेताओं के करीबियों ,पुलिस विभाग से सबसे अधिक और सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा इन दोनों फर्जी ट्रेडिंग में पैसे लगाए हुए हैं ।
ऐसे मामलों में सबसे अधिक अगर किसी को दोषी माना जाना चाहिए तो वह है प्रदेश सरकार की खुफिया जांच एजेंसियां वर्षों से प्रदेश और देश भर में यह रैकेट फैला हुआ था लेकिन क्या किसी भी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की खुफिया जांच एजेंसियों को हजारों करोड़ों रुपए की फर्जी ट्रेडिंग के नाम वसूली होती रही और केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को क्या इसकी जानकारी ही नहीं थी ?
फर्जी क्रिप्टो करंसी की ट्रेडिंग मामले पर अमर ज्वाला द्वारा 16 नम्बर 2021 को प्रकाशित समाचार के बाद जो हिमाचल ,पंजाब ,राजस्थान, जम्मू कश्मीर,दिल्ली के लोगों द्वारा अमर ज्वाला न्यूज के पेज के मैसेंजर से मोबाईल नंबर पर प्रकाशित खबर से संबंधित लोगों की हुई ठगी की 900 से अधिक शिकायतें अमर ज्वाला के संस्थान को आई तो कई तथ्य भी सामने आए । मालूम हुआ कि इस फर्जी करंसी मामले में हिमाचल के कई बड़ी हस्तियों के नाम सामने आए। लेकिन जो मंडी एसपी मंडी के पास कुछ लोगों ने लिखित शिकायत की हुई थी उसकी जांच बहुत धीमी न के बराबर की हुई थी ।जानकारी यह भी है कि मंडी पुलिस उस वक्त कुछ फर्जी ट्रेडिंग करने वाले लोगों के पास गई थी लेकिन उन्हें गिरफ्तार क्यों नही किया ?
मामला विचार के योग्य है। अगर एसपी मंडी के पास लिखित शिकायत हुई थी उस पर नाम और लाखों की ठगी की लिखित शिकायत दी हुई थी जांच के लिए एक पुलिस दल को भेजा हुआ था तो उस वक्त उन्हे गिरफ्तार क्यों नही किया क्यों दो सालों तक उन्हे कार्य करने दिए।हजारों लोगों को ठगने की छूट क्यों दी गई थी ?
अब क्रिप्टो के मामले में जब एसआईटी का प्रदेश सरकार ने गठन का जांच शुरू की हुई है कई नाम सामने आए ,सूत्रों से मिली जानकारी है कि पुलिस के कई लोगों ने क्रिप्टो में पैसे लगाए हुए थे। सवाल यह है कि ऐसी फर्जी ट्रेडिंग जिनके पास ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी दस्तावेज आरबीआई द्वारा नही दिए हुए हैं वहां पैसे लगाए जाते रहे और आम जनता को कुछ पुलिस और अधिवक्ता को आगे कर यह धंधा चलाया जाता रहा ।आम लोग भी यही समझ रहे थे कि जब पुलिस और अधिवक्ता इस मामले में कार्य कर रहा है तो ठीक ही है।
प्रदेश सरकार क्रिप्टो मामले की जांच में किस किस को बचाने की तैयारी में ?
