अमर ज्वाला // शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में, हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं । जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और उनकी जिंदगी को आसान बनाना है।
*नियुक्ति और पद सृजन:*
मंत्रिमंडल ने राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्तियों और पद सृजन के लिए कई निर्णय लिए हैं:
– *बिजली उपभोक्ता मित्र*:
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की गई है। यह निर्णय बोर्ड में कर्मचारियों की कमी को दूर करते हुए उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। विद्युत विभाग में 1,000 टी-मेट्स के पद भरने का भी निर्णय लिया गया है।
राजस्व विभाग में राज्य कैडर के तहत ट्रेनी आधार पर पटवारियों के 645 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स के 400 पदों को जॉब ट्रेनी के रूप में भरने को मंजूरी दी गई है। मंत्रिमंडल ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई निर्णय लिए हैं। राज्य में 200 चिकित्सा अधिकारियों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के नौ जिलों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 28 डायलिसिस केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय मरीजों को घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
शिक्षा विभाग में
मंत्रिमंडल ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई निर्णय लिए हैं। सीबीएसई पाठ्यक्रम अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
– *मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना*: अतिथ्य उद्योग में मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना शुरू करने को मंजूरी प्रदान की गई है। इस योजना का उद्देश्य पर्यटन और अतिथ्य क्षेत्र में प्रदेश के मूल निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत नए होम स्टे के निर्माण अथवा पुराने होम स्टे को स्तरोन्नत करने के उद्देश्य से लिए गए ऋणों पर ब्याज में राहत प्रदान की जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
अन्य निर्णय स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रत्येक वर्ष ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को वित्तीय सहायता देने में उपयोग करने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
– *पुलिस कांस्टेबलों को अधिकार*: पुलिस कांस्टेबलों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 176 (1) के तहत अधिकार देने को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अनुसार अब वह कांस्टेबल जिसके पास स्नातक की डिग्री है, सात साल की सेवा पूरी कर चुका हो, छः सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण ले चुका हो, निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण की हो और जिस पर कोई विभागीय जांच लंबित नही है, उसे ऐसे मामले की जांच का अधिकार होगा, जिसमें अधिकतम तीन साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान हो।
– *नई उप-तहसील और तहसील*: चंबा जिले के पांगी तहसील के साच में नई उप-तहसील खोलने तथा इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पद सृजित कर इन्हें भरने को मंजूरी प्रदान की गई है। इसी तरह, कांगड़ा जिले की रे उप-तहसील में हटली और मलहंता पटवार वृत्तों का पुनर्गठन कर नया पटवार सर्कल नंगल बनाने का निर्णय भी लिया गया है। कांगड़ा जिले की उप-तहसील चढियार को तहसील का दर्जा देने और इसके संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर इन्हें भरने को मंजूरी प्रदान की गई है।
