द्रंग विधानसभा के पूर्व विधायक दीना नाथ शास्त्री (85) का सोमवार दोपहर उनके गांव टांडू में निधन हुआ ।
दीनानाथ शात्री द्रंग एक बार 1990 में कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर को हराकर भाजपा के टिकट पर द्रंग से विधायक रह चुके हैं। द्रंग से दीनानाथ शात्रि एक मात्र बीजेपी की विचारधारा के पहले विधायक रहे हैं। पेशे से सबसे पहले वह स्कूल के एक शिक्षक थे , वह शास्त्री ट्रेड यूनियन गतिविधियों में काफी सक्रिय भी रहे हैं।
जानकारी के अनुसार “उन्हें आज दोपहर बेचैनी महसूस हुई और उन्हें जोनल अस्पताल मंडी ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।”
दिनानाथ शास्त्री ने 1977 में सबसे पहले स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडा था उसमें ठाकुर कौल सिंह की जीत हुई थी। और बाद में विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। 1990 में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की सरकार में दीनानाथ शास्त्री पहली बार विधायक बने थे । उसके बाद दोबारा फिर कभी विधायक नही बन पाए थे।
दीनानाथ शास्त्री अपने घर टांडू से हर रोज एचआरटीसी बस में सफर करके एक स्थान से दूसरे स्थान जाते थे।
दीनानाथ शास्त्री सपष्टवादी और इमादर छवी के नेता के रूप में उनकी पहचान रही है।
दिनाथनाथ शास्त्री एक लेखक भी थे । उन्होंने देव पराशर ऋषि की एक किताब भी लिखी है उसमे उन्हें ऋषि पराशर की तपस्थली पराशर में प्राकृतिक झील के पानी का रिसाव सात अलग अलग क्षेत्र से निकासी का जीकर किया हुआ है और वह सातों क्षेत्र से पराशर झील का पानी व्यास नदी में जा कर मिलता है।