*** पौधों का खनन होने से बरसात में दरकते हैं जंगल।
अमर ज्वाला // चौहार घाटी
वन विभाग के तमाम जिला अधिकारियों को अवैध खनन करने के बाद भी जारी है । वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दो सप्ताह पूर्व चौहर घाटी जो सेंचुरी एरिया के अंतर्गत आता है वहा पर जंगलों से कश्माले की जड़ों का अवैध कारोबार कई महीनों से चल रहा है। जिसकी जानकारी वन विभाग के तमाम आलाधिकारियों को भी है लेकिन कोई कार्यवाही अवैध खनन को रोकने के लिए विभाग के कदम नहीं उठाए गए हैं।
चौहार घाटी की कई पंचायतों में बड़े जोरदार तरीके से जंगलों से कश्माले के पौधों को जड़ से उखाड़ कर अवैध खनन कर बिक्री किए जा रहे हैं । वन विभाग के जंगलों में यह अवैध खनन का कार्य चल रहा है ।
वन विभाग को बिना रॉयल्टी दिए ही जंगल में तबाही मचाई जा रही है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1100 से 1200 रुपए क्विंटल मूल्य से यह कश्मले के पौधों की अवैध खनन कर बिक्री की जा रही है ।
यह कार्य एक ठेकेदार के द्वारा जंगल को बिना रॉयल्टी दिए तबाही मचाई हुई है
कश्मलों के पेड़ों को जड़ से उखड़ने से जमीन कच्छी हो जाती है और बरसात के दिनों में पूरे के पूरे पहाड़ खकने शुरू हो जाते हैं।
वन विभाग के सुरक्षा गार्डों की नजरों के सामने यह जंगलों की तबाही की जा रही है वन विभाग के सुरक्षा कर्मी ठेकेदारों की चुंगल में आंखे मूंद कर बैठे हुए हैं।