*** विश्वविद्यालयों की छुटियां बीतते ही एसपीयू के शिक्षकों ने दर्ज करवाई अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति।
***विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के आदेशों का पालन कर विताधिकारी ने रोका है शिक्षकों का वेतन ।
अमर ज्वाला // मंडी
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी को बार बार विवादों में रखने की कुछ राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए विश्वविद्यालय के प्रशासन ने ठान ली है। शिक्षकों और गैर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों का मामला राज्य उच्च न्यायलय में जनहित याचिका लगाई गई है।
मंडी की एसपीयू को बीजेपी और एवीबीपी के कुछ पदाधिकारियों ने अपने राजनीतिक कार्यलय की तर्ज पर संचालन करने का प्रयास किया जाने लगा था ।
एसपीयू के शिक्षकों को रजिस्ट्रार द्वारा राज्य उच्च न्यायलय के उस आदेश का हवाला देते हुए पत्र लिखा था कि शिक्षकों को अपनी उपस्थिति बायोमिट्रिक उपकरण द्वारा दर्ज करनी अनिवार्य की गई थी लेकिन एसपीयू की प्रतिपकुलपति द्वारा रजिस्ट्रार के आदेशों का विरोध किया गया था । एसपीयू के विताधिकारी द्वारा दिसंबर 2023 के वेतन पर रोक लगाई गई है।
एसपीयू के शिक्षकों रुके वेतन के मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षक न्यायलय के आदेशों के आगे झुकते हुएं रजिस्ट्रार के लिखे आदेशों का पालन कर 27 जनवरी को शिक्षकों द्वारा बायोमिट्रिक उपस्थित दर्ज करने के लिए अपने फिंगर प्रिंट दे दिए हैं।
एसपीयू की प्रतिकुलपति के एक वीडियो में जारी हुए वक्तव्य ने उच्च न्यायलय के उस आदेशों का खण्डन करते हुए कहा था कि एसपीयू के शिक्षकों को बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के आदेश नही बल्कि न्यायलय द्वारा स्कूल और कॉलेजों के लिए शिक्षकों के लिए बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अमर ज्वाला ने जब न्यायलय के आदेशों को गंभीरता से पढ़ा और सरकार के शिक्षा सचिव व कार्मिक विभाग के आदेशों को पढ़ा तो साफ हुआ था कि एसपीयू के साथ अन्य सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अपनी उपस्थिति
बायोमिट्रिक उपकरण के माध्यम से दर्ज करनी अनिवार्य की गई थी।
एसपीयू के शिक्षक वर्गों का दिसंबर 2023 माह के वेतन पर रोक लगाई गई है , वहीं 27जनवरी 2024 तक एसपीयू के शिक्षकों द्वारा अपनी उपस्थिति बायोमिट्रिक उपकरण के माध्यम से दर्ज नहीं की गई है। जबकि उच्च न्यायलय के आदेशों का पालन करते हुए एसपीयू के रजिस्ट्रार द्वारा ऑफिस ऑडर में साफ लिखा गया है कि जब तक
बायोमिट्रिक उपकरण द्वारा उपस्थिति दर्ज नहीं की गई तो वेतन जारी नही किया जाएगा।
जनवरी माह में एसपीयू के कुछ शिक्षकों द्वारा मेल के माध्यम से यह कबूल कर दिया था कि वह भविष्य में अपनी उपस्थिति बायोमिट्रिक द्वारा दर्ज करेंगे।
एसपीयू रजिस्ट्रार द्वारा ऑफिस ऑडर में साफ किया गया है कि शिक्षक का रुका हुआ वेतन पाने के लिए वचन पत्र में लिखित जबाव दें।
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की बीजेपी सरकार को जनता द्वारा सत्ता से बाहर करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर बीजेपी विधायक दल के नेता चुके गए और नेता प्रतिपक्ष बने ।
नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर बार बार हमला बोल कर मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता से यह सहानुभूति बटोरने का प्रयास कर रहे थी कि कांग्रेस सरकार मंडी एसपीयू को बंद करने जा रही है । जबकि असलियत यह थी कि एसपीयू में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियुक्तियों की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच चुकी थी।