वल्लभ महाविद्यालय में जैव विविधता और पर्यावरण में उभरते मुद्दों” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया आयोजन 

अमर ज्वाला //मंडी

वल्लभ गवर्नमेंट कॉलेज मंडी के प्राणीशास्त्र और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय 14 और 15 फरवरी 2024 को “सतत विकास के लिए जैव विविधता और पर्यावरण में उभरते मुद्दों” पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। आयोजन के समापन मौके पर बतौर मुख्यातिथि

एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी जिन्हे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा सरदार पटेल विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर 8 फरवरी को ऑडर जारी कर दिए हुए हैं वह शामिल रहे।

कॉलेज की प्रधानाचार्य तथा आयोजन विषय के तमाम शिक्षकों और गैर शिक्षकों तथा विद्यार्थियों द्वारा मुख्यातिथि का जोरदार स्वागत किया।

वीजीसी मंडी की प्रिंसिपल प्रोफेसर सुरीना शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में सतत विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलू एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। कृष्ण वैद्य, अतिरिक्त निदेशक (सेवानिवृत्त), उच्च शिक्षा विभाग, हिमाचल प्रदेश ने सम्मानित मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई। डॉ. एम. सी. सिद्ध, प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ, डॉ. शशिकांत भाटिया, एसोसिएट प्रोफेसर, कोंकुक विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया

(ऑनलाइन), डॉ. गितिका ठाकुर, पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च एसोसिएट, इलिनोइस विश्वविद्यालय, यूएसए अनव्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान. सम्मेलन की आयोजन समिति, डॉ. मोनिका पंचानी, संयोजक, डॉ. संजय कुमार नारंग और डॉ. राधिका जम्वाल, सह-संयोजक, डॉ. बलबीर सिंह और डॉ. मनोज ठाकुर, आयोजन सचिव, सुश्री अदिति शर्मा और सुश्री ज्योति ठाकुर कार्यक्रम के दौरान ठाकुर, संयुक्त आयोजन सचिवों ने सम्मेलन की सारगर्भित पुस्तक स्मारिका का विमोचन किया।

 

दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश, अन्य राज्यों और यहां तक कि विदेशों से कुल 160 शिक्षाविदों/ प्रोफेसरों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने शोध पत्र और पोस्टर के रूप में अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। हिमाचल प्रदेश में स्थित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के अलावा, एनआईटी और आईआईटी, पंजाब विश्वविद्यालय, बीएचयू, जीएचएनबी विश्वविद्यालय घरवाल, पटना विश्वविद्यालय, चंडीगढ विश्वविद्यालय, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कश्मीर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,, चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, कोंकुक विश्वविद्यालय सियोल, दक्षिण कोरिया, मैनिटोबा रियल एस्टेट एसोसिएशन कनाडा, इलिनोइस विश्वविद्यालय, यूएसए से शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

 

कार्यक्रम के समापन समारोह में एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान, डॉ. विनोद कुमार मट्ट, प्रोफेसर एमेरिटस यूजीसी, पूर्व अध्यक्ष, बायोसाइंसेज विभाग, एचपीयू, प्रो. तूलिका पी. श्रीवास्तव, आईआईटी मंडी, डॉ. हरिंदर बान्याल, अध्यक्ष, बायोसाइंसेज विभाग, एचपीयू और डॉ. पवन राणा, वैज्ञानिक एवं प्रमुख, वन सुरक्षा प्रभाग, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला, ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे। दो दिवसीय सम्मेलन ने न केवल शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए सतत विकास के लिए जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ज्ञान का प्रसार करने के लिए एक साझा मंच प्रदान किया, बल्कि छात्रों को भी उन्हें एक्सपोज़र और वैज्ञानिक आउटरीच प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

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