कंपनी द्वारा निर्मित वाटर लीकेज डिटेक्शन मशीन मात्र आपदा में अवसर देने का कार्य
ऊहल नदी की ग्रेविटी आधारित योजना पाईप लाईन से मंडी नगर निगम की पुरानी पाईप लाईन में सप्लाई बनी लिकेज की मुख्य समस्या,
योजना की डीपीआर बदल कर नई लाइनों को न बिछा पुरानी लाईन में दी गई पेय जल सप्लाई,
अमर ज्वाला //मंडी
जलशक्ति विभाग की पेय जल पाईप लाइनों की लिकेज से विभाग को कई लिकेज कई कई महीनों तक खोजने में विभाग विफल हो रहे हैं।
जलशक्ति विभाग द्वारा अपनी ही लाइनों की लिकेज को खोजने में जब विफल हो रहे हैं तो विभाग द्वारा वाटर लीकेज डिटेक्शन मशीन कंपनी से संपर्क कर यह सेंसर उपकरण को मंगवाया हुआ है। कंपनी के सदस्य खुद जलशक्ति विभाग को अपने उपकरण को लेकर हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में पहुंचे हुए थे।
मंडी नगर निगम में जगह जगह पेय जल लाइनों की लिकेज की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने यह उपकरण मंगवाया है। बताया जाता है कि यह उपकरण लाखों रूपए का उपकरण है जबकि इंटरनेट में इसका मूल्य अलग अलग कंपनियों द्वारा 15 हजार से शुरू कीमत का बताया गया है । बड़ी कंपनियों के उपकरण मंहगे जरूर हो सकते हैं लेकिन मंडी में जिस कम्पनी द्वारा अपनी कंपनी के उपकरण का नमूना पेश किया तो वह पूरी तरह से भूमि के नीचे होने वाली पेय जल की लिकेज खोजने में पूरी तरह से असफल रहा है। यह मीडिया कर्मियों के सामने इसका नमूना फेल हुआ है।
मंडी नगर निगम के वार्ड नंबर, 6 सनयार्ड में पहली लिकेज की खोज करने के लिए बुलाया हुआ था। कंपनी के दो लोगों द्वारा वाटर लीकेज डिटेक्शन मशीन द्वारा आधा दिन जलशक्ति विभाग के एक दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों के साथ एक लीकेज को खोजते रहे लेकिन असफलता ही हाथ में लगी।
जब उन्हें पूछा गया कि क्या यह पहली बार मंडी में भूमि के नीचे पानी की लिकेज को खोजा जा रहा है उन्होंने कहा हां यह मंडी में पहली बार खोजा जा रहा है । उन्होंने एक झूठ यह भी कहा कि शिमला में कई महीनों से यह कार्य कर रही है । जबकि आज प्रकाशित समाचार में बताया गया कि शिमला में पिछले दिन यह टेस्टिंग का कार्य के लिए पहुंचे और महापौर के सामने एक लीकेज ढूंढी गई है।
जलशक्ति विभाग द्वारा भूमि की लिकेज को आपदा में अवसर बनाने के सिवाय कुछ नही आने वाले दिनों में यह खुलासा भी जरूर किया जाएगा ।
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मंडी नगर निगम के लिए 100 करोड़ रुपए से निर्मित ऊहल नदी से ग्रेविटी आधारित योजना निगम के कई वार्डों में पाइपें जगह जगह से लिकेज हो चुकी है। जिसके कारण मंडी नगर निगम के कई वार्डों में कई घरों के क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और भविष्य में कई लोगों के घरों को खतरा मंडराया हुआ है। जिसकी शिकायत जलशक्ति विभाग को हर रोज लोगों द्वारा शिकायत केंद्र में की जा रही है।
मंडी नगर निगम में ऊहल नदी से लाई गई योजना की पाईप लाईन बिछाने का सबसे बड़ा घोटाला तब सामने आएगा कि योजना की बनाई हुई डीपीआर को किसने बदला , मंडी नगर निगम में पुरानी पाइपों में द्वारा जो सप्लाई दी जा रही थी , कंपनी द्वारा नई योजना के तहत से बिछाई जाने वाली सभी लाइनों को न बिछा कर पुरानी निगम के कई वार्डों की पुरानी लाईनों में पेय जल सप्लाई दे कर आज मंडी के कई वार्डों में लिकेज की मुख्य समस्या बन कर सामने आई है जिसे विभाग कंपनी पर कार्यवाही किए बिना छुपाने का कार्य
कर रही है।