एलबीएस मैडिकल कॉलेज प्रबंधन पर अधीक्षक ने लगाए करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

सीबीआई, विजिलेंस और स्वास्थ्य सचिव को भेजी लिखी शिकायत कॉलेज प्रशासन पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग की !

सुभाष ठाकुर*******

लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रशासनिक अधिकारियों पर अपने ही मैडिकल कॉलेज के अधीक्षक ग्रेड दो द्वारा करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा स्वास्थ्य सचिव, सीबीआई और विजिलेंस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज के अधीक्षक द्वारा सीबीआई विजिलेंस तथा स्वास्थ्य सचिव को 30 मई जनवरी 2023 पहली बार शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर शिकायत कर्ता द्वारा 29 जनवरी 2024 को 11 पेजों की फिर से लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा प्रोपर चैनल से कार्यवाही की मांग की गई है। कॉलेज प्रधानाचार्य द्वारा शिकायत कर्ता को एक पत्र 13 फरवरी 2024 को जारी कर शिकायत में लगाए हुए सभी आरोपों के दस्तावेजों संलग कर पेश करने के सख्ती से लिखा हुआ है।

 

क्या बोले मैडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य?

 

लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रधानाचार्य डॉक्टर डीके वर्मा से शिकायत संबंधित जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हां एक शिकायत आई है। प्रॉपर चैनल के साथ शिकायत को आगामी कार्यवाही के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल वह छुट्टी पर चल रहे हैं, कार्यालय ज्वॉइन करने पर ही आगामी कार्यवाही बारे बता सकते हैं। उनसे जब पूछा गया कि

प्रधानाचार्य के लिखित पत्र में शिकायत कर्ता अधीक्षक पूर्ण चंद को यह भी चेतावनी दी गई है कि आरोपों के सबूत पेश न करने पर शिकायत कर्ता पर सीसीएस, सीसीए नियम 1956 के तहत कार्यवाही करने को लिखा हुआ है। शिकायत करता द्वारा मैडिकल कॉलेज में बिजली की चोरी, आवास की सबलेटिंग, बायोमिट्रिक उपस्थिति दर्ज न करना, निजी कम्पनियों के ठेकेदारों की टेस्ट लेयों में विद्युत मीटर लगाए बिना पिछले कई वर्षों से बिजली चोरी तथा स्वास्थ्य उपक्रमों की खरीद फरोख्त, मैडिकल कॉलेज में जैनरिक दुकानों में मंहगी और ब्रांडेड दवाइयों की बिक्री जैसे अनेकों भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हुए है। मामलों पर सीबीआई और विजलेंस जांच की मांग की हुई है कि लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रशासन पर एक आईआर दर्ज की मांग की गई है। शिकायत करता ने अपने ही मैडिकल कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर मुश्किलें बढ़ा रखी है।

कर्मचारियों को बायोमिटिक उपस्थिति दर्ज करना सुनिश्चित किया है। लेकिन मैडिकल कॉलेज के कुछ अधिकारी अपनी उपस्थिति बायोमिट्रिक नही कर रहे हैं।

 

मैडिकल कॉलेज के अधीक्षक ग्रेड-दो पूर्ण चंद का कहना है

मैडिकल कॉलेज के अधीक्षक गोड को पूर्ण चंद का कहना है कि  30 मई 2023 को यह शिकायत स्वास्थ्य सचिव, सीबीआई तथा विजिलेंस व को भेजी है। लेकिन 9 माह बीतने के उपरांत कोई कार्यवाही न होने पर उन्होंने 29 जनवरी 2024 को अनुस्मारक के लिए मैडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के माध्यम से स्वास्थ्य सचिव, सीबीआई विजलेंस को प्रोपर चैनल से भेजा है कि जल्दी कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार मामले पर एफआईआर दर्ज हो। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे कॉलेज प्रधानाचार्य द्वारा एक पत्र भेजा है जिसमे शिकायत में भ्रष्टाचार के लगाए आरोपों के सभी साक्ष्य मुझे पेश करने को कहा गया है। नहीं तो उन पर कार्यवाही की करने की धमकी दी गई है। अधीक्षक वोड यो वे यह कहा है कि जांच करवाई सभी आाराचार के साक्ष्य उन्हे कॉलेज के दस्तवेजों में पाए जायेंगे।

शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत स्वास्थ्य सचिव, सीबीआई और विजिलेंस को को भेजी थी तो मैडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा शिकायत कर्ता से सबूतों के साथ दस्तावेज मांगे गए हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायत की कॉपी की गई है।

शिकायत कर्ता ने यह भी आरोप लगाया हुआ है कि कॉलेज में 264 से अधिक आवास हैं, उन में से कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने आवास सबलेट कर दिए हैं जिनकी रिकवरी की जा रही है। शिकायत में यह भी लिखा हुआ है, कि कई आवास में विद्युत मीटर ही नही लगाए हुए हैं। लेकिन विद्युत की लाईन को जोड़ कर अन्य विभागों के कर्मी वहां रहते हुए पाए गए हैं। लोकनिर्माण विभाग के इलेक्ट्रिक विंग के अधिषाशियों को जिसकी पूर्ण जानकारी है। कि कॉलेज में क्या मामला चला हुआ है। शिकायत कर्ता द्वारा कॉलेज के उच्च अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया हुआ है कि वह माननीय उच्च न्यायलय के उन आदेशों की अवमानना कर रहे हैं। जिसमें माननीय न्यायलय द्वारा सभी विभागों के अधिकारियों तथा

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