चौहार घाटी महिलाओं ने मंडी शिवरात्रि की चौथी संध्या मचाई धूम
***घाटी के पारंपरिक परिधानों के साथ सेरी मंच पर डाली नाटी
सुभाष ठाकुर // मंडी
आजादी के 75 वर्षों बाद 2024 में पहली बार चौहार घाटी की महिलाओं को बड़ी जद्दोजहद के बाद अपने जिले की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेलों की सांस्कृतिक संध्या का मंच कुछ मिनटों के लिए मिल पाया है।
वर्षों से संचालित हो रहे घाटी में अनेकों महिलामंडलों द्वारा अपनी अपनी पंचायतों में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में महिलाओं का एहम भूमिका रहती है।
पंचायतों में किसी भी समाजिक बुराइयों में सुधार लाने के लिए बिना नारीशक्ति के सहयोग से संभव नहीं हो पाता है।
चौहार घाटी की दुर्गम क्षेत्र खल्याहल पंचायत की 45 महिला सदस्यताओं द्वारा कई वर्षों से महिलामंडल का संचालन किया जा रहा है।
महिला मंडल की प्रधान उषा देवी ,कोश्यालय , सोनिया , खांपी , कांता देवी, सरिता देवी ,बबिता देवी, दीपिका द्वारा मंडी की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि में पहाड़ी संस्कृति की खूब सूरत पेशकश कर घाटी का नाम अंतराष्ट्रीय मेले के मंच पर रोशन किया।
चौहार घाटी में ऐसे अनेकों कलाकारों वो मंच हासिल नहीं हो पाता है ,क्योंकि प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय ,राज्य तथा जिला स्तरीय मेलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकारों का हुनर नही बल्कि राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए नेताओं की बेड़ियों में मंच पर प्रस्तुति पेश होती रहती है।
घाटी के महिलामंडल द्वारा हल्की हल्की बारिश के दौरान अपनी प्रतीति पेश करते हुए कई पहाड़ी गानों के साथ पहाड़ी नाटी डाली।
पहाड़ी नाटी में आदतें बड़ी बुरी बोतला पियूं खड़ी खड़ी…. पट्टू वाली ये कमलूए…. भाउवा रूपिये हो… गानों के साथ दर्शकों को थिरकने पर मजबूर किया।
चौहार घाटी की महिला अपने पारंपरिक परिधानों के साथ अपनी पहाड़ी नाटी डालकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
महिला मंडल की प्रधान उषा देवी ने कहा उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए पहले अपना ऑडिशन भी दिया हुआ था।कि चौहार घाटी को मंडी की । लेकिन ऑडिशन के बाद उन्हे प्रशासन की टार्ट से फोन आया और बोला था कि बुधवार को दोपहर 12 बजे के बाद आपका सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्धारित है आप समय पर पहुंच जाए। महलामंडल की उषा देवी तथा उनके पूरे ग्रुपंकी महिलाओं ने कहा कि उनका कार्यक्रम किन्ही कारणों से प्रशासन द्वारा दोपहर 12 बजे के दौरान नही हो पाया लेकिन 4:30 समय मिल पाया और वह अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दे पाई।
महिलामंडल की महिलाओं ने जिला प्रशासन का इतिहास में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि का मंच प्रदान करने का धन्यवाद भी किया