कौल को सरकार और संगठन की जिम्मेवारी सौंपने से पार्टी को मिलेगी मजबूती,

***पूर्व मंत्री के लम्बे अनुभव का पार्टी को मिलेगा लाभ,
***लोकसभा चुनावों से पहले घर बैठा कांग्रेस कार्यकर्ता निकलेगा बाहर
**कौल के संगठनात्मक नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की हुई हमेशा जीत
सुभाष ठाकुर*******
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराने के मंडराए हुए बादलों से बाहर निकालने के लिए पार्टी आलाकमान ने छः नेताओं की कोर्डिनेशन कमेटी का गठन किया हुआ है।
मुख्यमंत्री ,उपमुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह , धनी राम शांडिल,पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर को शामिल किया है।

कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को सरकार में शुरु से ही शामिल किया गया होता तो प्रदेश सरकार में यह स्थिति कांग्रेस को देखने के लिए नही मिलती।
कौल सिंह ठाकुर अपना चुनाव मात्र 619 वोटों से हरा जरूर है लेकिन हिमाचल कांग्रेस में ऐसे एक मात्र नेता है जो आठ बार के विधायक और चार बार कैबिनेट मंत्री ,एक बार विधानसभा अध्यक्ष दो बार लगातार पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी बखूबी संभाल चुके हैं। ऐसे अनुभवी नेताओं को नव नियुक्त सरकार द्वारा दूरियां बनाए रखने से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होना लाजमी रहता है।

सरकार में अनुभी नेताओं का होना बेहद जरूरी रहता है ताकि सरकार और संगठन में आपसी समन्वय बना रहे।

प्रदेश की कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी अध्यक्षा प्रतिभा सिंह की आपसी राजनीतिक तनातनी के बीच प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनावों में बड़ा नुकसान होने से बचाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को सरकार और संगठन की एहम जिम्मेवारी सौंपना जरूरी हो चुका है । मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को मंजबिती मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े दूसरे जिले मंडी जिले से बिखरी हुई कांग्रेस संगठित भी हो जायेगी। कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर के लंबे अनुभव का लाभ मिलेगा।
पूर्व मंत्री पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता अनुभवी होते हुए पार्टी में पूरी सक्रियता के साथ शारीरिक चुस्त और दुरुस्त भी हैं।
पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ता ही नही बल्कि विपक्ष के लोगों को भी अब याद लगा है कि द्रंग की जनता को कुछ राजनीतिक
महत्वाकांक्षी लोगों द्वारा अपने वायक्तिगत स्वार्थ के लिए मंडी जिले के विकास ही नही बल्कि कई जरूर मंद गरीब लोगों के भविष्य में कांटों का बीज बो कर पाप के भाग्यदारी बन बैठे हैं। यह चर्चाएं आम जनता के बीच हमेशा चली रही है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर आए हुए संकट को दूर करने के लिए पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह को प्रदेश के संगठन की जिम्मेवारी सौंप पर पार्टी की मजबूती के लिए उचित समय रहते कदम उठाने होंगे और साथ ही पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को प्रदेश सरकार में शामिल कर उनके लम्बे अनुभव का सहयोग शुरू से लिया गया होता तो वर्तमान सरकार इन हालातों से नही गुजरना पड़ता ।
कांग्रेस हाईकमान लोकसभा चुनावों में हिमाचल से सीटें जीतना चाहती है तो पूर्व मंत्री को संगठन का नेतृत्व और सरकार में शामिल कर जिम्मेवारी सौंप कर इनके लम्बे अनुभव का पार्टी और सरकार को लाभ मिलना तय माना जा रहा है।
पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह 2008 से 2012 तक प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी बखूबी निभा चुके हैं। 2012 के विधासभा चुनाव उसी संगठन के चेहरों के साथ कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने केंद्र की यूपीए- दो सरकार के केंद्रीय मंत्री पद को छोड़ कर हिमाचल की वापसी करने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना कर तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह को विधानसभा चुनावों से मात्र दो माह पहले हटा कर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद बन गए थे।
कांग्रेस हाईकमान द्वारा पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को जो भी जिम्मेवारी दी है उसे पूर्व मंत्री द्वारा बखूबी निभाया लेकिन कांग्रेस पार्टी को अपने राजनीतिक पद के लिए कभी ब्लैकमेल कर दबाव नही बनाया।
पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ईमानदारी से कांग्रेस की विचारधारा से हमेशा जुड़े रहे इन्होंने कभी पार्टी आलकमन पर दबाव की राजनीति नही की जैसे पार्टी के कई जूनियर नेता करते आए हैं जैसे हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करने वाली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की सरकार को गिराने के लिए पार्टी के कुछ विधायकों के साथ बीजेपी ने क्या षड्यंत्र रचकर कांग्रेस सरकार गिराने के लिए कार्य कर रहे हैं।
लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी आलाकमान को पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को संगठन और सरकार में शामिल करना बेहद जरूरी है ताकि घरों में बैठे हुए कार्यकर्ता जमीन पर उतर कर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का काम कर पाए।

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